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हरिद्वार अर्धकुंभ 2027 होगा हाई-टेक: ड्रोन, डिजिटल आईडी और वर्चुअल गंगा स्नान से सजेंगे घाट

देहरादुन/हरिद्वार | 10 अगस्त 2025

उत्तराखंड सरकार वर्ष 2027 में होने वाले हरिद्वार अर्धकुंभ को पूरी तरह डिजिटल और स्मार्ट बनाने की तैयारी में है। भीड़ प्रबंधन से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा तक, हर स्तर पर आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने इस मेगा आयोजन के लिए “डिजिटल कुंभ” की परिकल्पना तैयार की है, जिसमें ड्रोन निगरानी, डिजिटल पहचान प्रणाली, वर्चुअल गंगा स्नान और बहुभाषी मोबाइल ऐप जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी।

डिजिटल तकनीक से सजेगा अर्धकुंभ

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग हरिद्वार में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित करेगा, जो विभिन्न विभागों के बीच रियल-टाइम समन्वय सुनिश्चित करेगा। इस सेंटर से स्नान घाटों, मार्गों और पार्किंग स्थलों की लाइव निगरानी होगी।

श्रद्धालुओं के लिए बहुभाषी मोबाइल ऐप और वेबसाइट विकसित की जाएगी, जो स्नान तिथियों, यातायात मार्गों, पार्किंग, घाटों और आपातकालीन सेवाओं की सटीक जानकारी देगी।

सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए हाई-टेक सिस्टम

  • डिजिटल आईडी और ई-पास सिस्टम: भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए।
  • ड्रोन बेस्ड मैपिंग: पूरे कुंभ क्षेत्र का जीपीएस-आधारित नक्शा तैयार किया जाएगा।
  • AI कैमरे और जियो-टैगिंग: भीड़ की रियल-टाइम मॉनिटरिंग और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर।
  • डिजिटल लास्ट एंड फाउंड पोर्टल: बिछड़े हुए लोगों को खोजने में मदद।

तीर्थयात्रियों के लिए नई सुविधाएं

  • वर्चुअल गंगा स्नान: दूर बैठे श्रद्धालु भी डिजिटल माध्यम से गंगा स्नान का अनुभव ले सकेंगे।
  • सूचना कियोस्क और QR कोड साइनेज: मार्गदर्शन और सूचना के लिए।
  • सुरक्षित सामान भंडारण: यात्रियों के सामान के लिए सुरक्षित व्यवस्था।

योजनाएं और तैयारी

सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश झा ने बताया कि यू-कास्ट और यू-सैक को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। सभी विभागों से उनकी आवश्यकताओं, चुनौतियों और मानव संसाधन की जानकारी मांगी गई है।

सरकार का लक्ष्य है कि अर्धकुंभ के दौरान “स्मार्ट, सुरक्षित और सुविधाजनक” वातावरण सुनिश्चित हो, जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के धार्मिक आस्था का अनुभव ले सकें।

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