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हरिद्वार: खड़खड़ी में ड्रग इंस्पेक्टर की छापेमारी, खुले में बिक रही दवाइयों पर कसा शिकंजा

बिना पर्चे के दवा बिक्री और नियमों की अनदेखी पर मेडिकल स्टोर्स को चेतावनी, स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट


हरिद्वार | 17 जून 2025 

हरिद्वार के खड़खड़ी क्षेत्र में आज स्वास्थ्य विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण अभियान चलाया। ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती के नेतृत्व में की गई इस छापेमारी के दौरान कई मेडिकल स्टोर पर खुली दवाइयों की बिक्री और बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाओं का वितरण सामने आया। यह कार्यवाही लगातार मिल रही शिकायतों के बाद की गई।


 निरीक्षण का फोकस: खुले में दवाएं और पर्चीविहीन बिक्री

ड्रग इंस्पेक्टर ने मौके पर पहुंचकर जब जांच शुरू की तो कई दुकानों में दवाइयां खुले में रखी मिलीं, जो नियमानुसार पूरी तरह प्रतिबंधित है। साथ ही कई दुकानदार बिना वैध पर्चे के गंभीर श्रेणी की दवाएं ग्राहकों को सौंपते पाए गए।

ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कहा:

“यह सीधे तौर पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का उल्लंघन है। ऐसे में हम दुकानदारों को सख्त चेतावनी दे रहे हैं और दोहराव की स्थिति में लाइसेंस निरस्तीकरण तक की कार्रवाई की जाएगी।”


 मुख्य उल्लंघन बिंदु:

  • खुले में बिक रही एंटीबायोटिक और पेनकिलर दवाएं

  • बिना डॉक्टर की प्रेस्क्रिप्शन के स्टेरॉइड्स और हाई डोज मेडिसिन की बिक्री

  • एक्सपायरी के करीब दवाइयों को डिस्काउंट ऑफर में बेचना

  • स्टाफ द्वारा बिना क्वालिफिकेशन के दवा देना


 स्वास्थ्य विभाग की सख्त चेतावनी

निरीक्षण के दौरान कई दुकानदारों को मौके पर ही नोटिस जारी किए गए। विभाग ने कहा है कि भविष्य में यदि इनकमप्लायंस (non-compliance) दोबारा मिला तो कानूनी कार्रवाई और मेडिकल स्टोर का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।

स्वास्थ्य विभाग की अपील:

  • दवाएं हमेशा सीलबंद और बिल सहित लें

  • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न खरीदें

  • किसी भी अनियमितता की सूचना ड्रग कंट्रोल विभाग या हेल्पलाइन नंबर पर दें


 आगे की कार्यवाही

ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि यह निरीक्षण सिर्फ शुरुआत है।

“हम जिले के अन्य क्षेत्रों में भी मेडिकल स्टोरों की गहन जांच करने जा रहे हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”


 क्यों ज़रूरी है यह अभियान?

  • खुले में बिकती दवाएं नमी, तापमान और धूल से प्रभावित हो जाती हैं, जिससे मरीजों पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।

  • बिना प्रेस्क्रिप्शन दवाओं का उपयोग ड्रग रेजिस्टेंस और गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न कर सकता है।

  • यह अभियान जनस्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

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