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हरिद्वार-नजीबाबाद हाईवे पर भयानक सड़क हादसा: कंटेनर और ट्रक की टक्कर में ड्राइवर की मौत, 35 किमी लंबा जाम, श्रद्धालु हुए परेशान

हरिद्वार | 25 जून 2025

हरिद्वार-नजीबाबाद नेशनल हाईवे पर मंगलवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे ने न केवल एक ज़िंदगी छीन ली, बल्कि हजारों यात्रियों की रात भी सड़क पर गुज़र गई। रासियबढ़ के पास हुए इस हादसे में एक कंटेनर और ट्रक की आमने-सामने से जबरदस्त टक्कर हो गई, जिसमें कंटेनर चालक अमिर हसन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ट्रक ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया।


हादसा कैसे हुआ?

देर रात करीब 1:30 बजे रासियबढ़ के पास हाईवे पर तेज रफ्तार में आ रहे कंटेनर और ट्रक की आमने-सामने की भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रक का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया, जबकि कंटेनर सड़क से नीचे उतर गया।

श्यामपुर थाना पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और घायल ट्रक ड्राइवर को एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया, जबकि मृत कंटेनर चालक अमिर हसन (निवासी उत्तर प्रदेश) के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।


35 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम, श्रद्धालु हुए बेहाल

हादसे के बाद कंटेनर और ट्रक दोनों हाईवे के बीचोंबीच फंसे रह गए, जिससे करीब 35 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया।
नजीबाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद, नगीना और धामपुर की ओर जा रहे श्रद्धालु और यात्री घंटों तक फंसे रहे। हालात ऐसे हो गए कि कई यात्रियों ने अपने वाहन सड़क किनारे खड़े कर दिए और तिरपाल बिछाकर रात सड़क पर ही बिताई


पुलिस ने बदला रूट, फिर भी नहीं मिली राहत

पुलिस ने ट्रैफिक को चंडीघाट चौक से डायवर्ट कर लक्सर रोड की ओर मोड़ दिया, लेकिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते वैकल्पिक रास्ते भी जाम हो गए।
कुछ श्रद्धालु तो मजबूर होकर पैदल ही अपने गांव की ओर निकल पड़े। हालात सामान्य करने के लिए देर रात तक ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन की टीमें सक्रिय रहीं।


प्रशासन की अपील

हरिद्वार पुलिस ने हाईवे पर यात्रा कर रहे लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी लेकर ही रवाना हों। वहीं, भारी वाहनों के चालकों से रफ्तार नियंत्रित रखने और रात्रि में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।


निष्कर्ष:
हरिद्वार-नजीबाबाद हाईवे पर हुआ यह हादसा एक बार फिर से यातायात व्यवस्था और भारी वाहनों की लापरवाही पर सवाल खड़े करता है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आपात स्थितियों में राहत प्रबंधन को लेकर प्रशासन को और भी तत्पर होने की आवश्यकता है।

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