मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग पर रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। एक करंट फैलने की अफवाह ने कुछ ही मिनटों में सब कुछ बदल दिया। भीड़ बेकाबू हुई, भगदड़ मची और देखते ही देखते आठ श्रद्धालु काल का ग्रास बन गए, जिनमें एक 12 वर्षीय बालक भी शामिल था। करीब 30 लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
कैसे फैली भगदड़: एक चश्मदीद की जुबानी
फरीदाबाद से दर्शन के लिए आईं गायत्री देवी ने बताया,
“हम मंदिर के पास ही थे कि अचानक करंट की अफवाह फैली। लोग चीखने लगे, ऊपर से धक्का देने लगे और फिर मुझे कुछ याद नहीं… जब होश आया, तो अस्पताल में थी।”
दिल्ली से आए कुलदीप का अनुभव भी रूह कंपा देने वाला है।
“लोगों की चीखें, सीढ़ियों से गिरते हुए बच्चे और महिलाओं को रौंदती भीड़ — सब कुछ डरावना था। मैंने चार शव अपनी आंखों से देखे।”
भीड़ में अफरा-तफरी और अफवाह का असर
हादसे के बाद सामने आए कुछ चश्मदीदों ने दावा किया कि श्रद्धालु दीवारों पर लगे तार पकड़कर आगे बढ़ रहे थे और तभी करंट लगने की आशंका से चीख-पुकार मच गई। इसी अफवाह ने भीड़ को तोड़ दिया और भगदड़ का कारण बन गई।
मारे गए श्रद्धालुओं की पहचान:
आरूष (12) – सौदा बरेली, उत्तर प्रदेश
विक्की (18) – रामपुर, यूपी
विपिन सैनी (18) – काशीपुर, उत्तराखंड
शांति (60) – बदायूं, यूपी
राम भरोसे (68) – बदायूं, यूपी
वकील (45) – बाराबंकी, यूपी
शकल देव (18) – अररिया, बिहार
विशाल (19) – रामपुर, यूपी
प्रशासन हरकत में, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया:
“फिलहाल किसी को करंट लगने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अफवाह फैलने की बात प्रथम दृष्टया सामने आई है। मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।”
गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने भी कहा:
“यह घटना बेहद दुखद है। जांच के बाद ही असली कारणों का पता चलेगा, लेकिन यदि कोई दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
सरकार का ऐलान: आर्थिक सहायता और संवेदना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुंचकर घायलों का हाल जाना और मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख, जबकि घायलों को ₹50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
अस्पताल में भर्ती घायल श्रद्धालु:
गायन्ति देवी – छपरा, बिहार
रीना देवी – पश्चिम बंगाल
आरती – उत्तर प्रदेश
इन सभी का इलाज जारी है और स्थिति अब पहले से बेहतर बताई जा रही है।
ये क्यों हुआ, कैसे हुआ – अफवाह या लापरवाही? सवाल तो कई हैं, जवाब जांच के बाद सामने आएंगे। फिलहाल हरिद्वार शोक में डूबा है और श्रद्धालु सहमे हुए हैं।