देहरादून/नई दिल्ली | उत्तराखंड | दिनांक: 7 दिसंबर 2025
देशभर में हवाई किरायों में अचानक हो रही बढ़ोतरी पर अब ब्रेक लग गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब कोई भी विमानन कंपनी यात्रियों से मनमाना हवाई किराया नहीं वसूल सकेगी। आदेश जारी होने के बाद तय सीमा से अधिक किराया लेना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
इंडिगो की उड़ानें प्रभावित, अन्य कंपनियों ने बढ़ा दिया था किराया
बीते दिनों क्रू मेंबर्स की कमी के चलते इंडिगो की कई उड़ानें प्रभावित हुईं, जिसका असर पूरे एविएशन सेक्टर पर पड़ा। स्थिति का लाभ उठाते हुए अन्य विमानन कंपनियों ने हवाई किरायों में अचानक बढ़ोतरी कर दी। यात्रियों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा।
दूरी के हिसाब से तय की गई अधिकतम किराया सीमा
मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब घरेलू उड़ानों में निम्न अधिकतम किराया सीमा लागू की गई है:
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500 किलोमीटर तक: अधिकतम ₹7,500
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500 से 1000 किमी: अधिकतम ₹12,000
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1000 से 1500 किमी: अधिकतम ₹15,000
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1500 किमी से अधिक: अधिकतम ₹18,000
यह स्पष्ट किया गया है कि इन किरायों में यूडीएफ (UDF), पीएसएफ (PSF) और टैक्स शामिल नहीं हैं।
किन उड़ानों पर लागू नहीं होगी यह सीमा
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यह भी बताया कि यह अधिकतम किराया सीमा
बिजनेस क्लास और आरसीएस (उड़ान/क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना) की उड़ानों पर लागू नहीं होगी।
किराये को लेकर अन्य अहम शर्तें भी लागू
मंत्रालय ने किराये के साथ-साथ एयरलाइंस के लिए कुछ अतिरिक्त शर्तें भी निर्धारित की हैं:
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यह किराया सीमा तब तक लागू रहेगी जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती या अगली समीक्षा नहीं होती।
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ये नियम सभी बुकिंग प्लेटफॉर्म पर लागू होंगे, चाहे टिकट एयरलाइन की वेबसाइट से ली जाए या ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी से।
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एयरलाइंस को सभी रूट्स पर टिकटों की उपलब्धता बनाए रखनी होगी और जरूरत पड़ने पर क्षमता बढ़ाने पर विचार करना होगा।
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उड़ान रद्द होने से प्रभावित क्षेत्रों में किराये की असामान्य या अत्यधिक बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
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एयरलाइंस को प्रभावित यात्रियों को यथासंभव सहायता देनी होगी, जिसमें वैकल्पिक उड़ानों की व्यवस्था भी शामिल है।
यात्रियों के अधिकारों की सुरक्षा पर जोर
मंत्रालय ने साफ कहा है कि आपात या असामान्य परिस्थितियों में यात्रियों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी एयरलाइंस को यात्री हितों को प्राथमिकता देते हुए जिम्मेदार व्यवहार करना होगा।
निष्कर्ष
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के इस फैसले से हवाई यात्रियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। किराये की तय सीमा से न सिर्फ मनमानी वसूली पर लगाम लगेगी, बल्कि उड़ानों में पारदर्शिता और भरोसा भी बढ़ेगा। आने वाले दिनों में इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि यात्रियों को अनावश्यक आर्थिक बोझ न उठाना पड़े।


