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हिमाचल में आपदा से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करेगा उत्तराखंड का विशेषज्ञ दल, तैयार की जाएगी रणनीति

स्थान: देहरादून
तारीख: 8 जुलाई 2025


मुख्य बातें

  • हिमाचल प्रदेश भेजा जाएगा USDMA का विशेषज्ञ दल
  • राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में हुई समीक्षा बैठक
  • बारिश, भूस्खलन, बंद सड़कों, और चेतावनी व्यवस्था पर विस्तृत मंथन
  • ‘सचेत ऐप’, 112, 1070, 1077 को व्यापक प्रचार की जरूरत
  • पुनर्वास में तेजी: 2853 परिवारों का विस्थापन पूरा

उत्तराखंड सीखेगा हिमाचल से आपदा प्रबंधन के सबक

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) का एक विशेषज्ञ दल जल्द ही हिमाचल प्रदेश का दौरा करेगा। इस दौरे का मकसद है — अतिवृष्टि से उत्पन्न हालातों और उनसे निपटने के प्रशासनिक तौर-तरीकों का प्रत्यक्ष अध्ययन करना। मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने सचिव आपदा प्रबंधन व पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को इस कार्य के निर्देश दिए हैं।

क्यों जरूरी है ये दौरा?

मुख्य सचिव ने बताया कि हिमाचल और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां लगभग समान हैं। इस बार हिमाचल में भारी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हिमाचल ने किस तरह हालात से निपटा, ताकि उत्तराखंड में उसी तर्ज पर प्रभावी रणनीति तैयार की जा सके।


वर्षा, भूस्खलन और अलर्ट की समीक्षा बैठक

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) में हुई समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने इन बिंदुओं पर खास फोकस किया:

  • मानसून की वर्तमान स्थिति और भविष्यवाणी
  • अब तक की वर्षा और प्रभावित जिलों की स्थिति
  • भूस्खलन से बंद सड़कों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग
  • JCB और संसाधनों की 15 मिनट के भीतर तैनाती का निर्देश
  • ग्रामीण सड़कों की प्राथमिकता से मरम्मत

* अब तक राज्य में 317.1 मिमी बारिश, सबसे अधिक बागेश्वर में 765.5 मिमी दर्ज की गई है।
* मौसम विभाग ने देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।


2853 परिवारों का पुनर्वास, 20 करोड़ का बजट

सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 2012 से अब तक 258 गांवों के 2853 परिवारों का पुनर्वास हो चुका है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित ₹20 करोड़ के बजट में से अब तक 337 परिवारों के लिए ₹12.16 करोड़ जारी किए जा चुके हैं।

राज्य आपदा मोचन निधि से जिलों को ₹165 करोड़ और राज्य सेक्टर से ₹10.5 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।


‘सचेत ऐप’ और इमरजेंसी नंबर बनें हर नागरिक का हथियार

मुख्य सचिव ने आम जनता से ‘सचेत ऐप’ डाउनलोड करने की अपील की।
उन्होंने कहा:

“यह ऐप न केवल मौसम अलर्ट देता है, बल्कि आपदा प्रबंधन से जुड़ी आवश्यक जानकारियां भी उपलब्ध कराता है।”

साथ ही 112, 1070 और 1077 नम्बरों के व्यापक प्रचार के निर्देश दिए गए ताकि हर मोबाइल में ये नंबर सेव हों।


तहसील स्तर पर बने व्हाट्सएप ग्रुप, 15 मिनट में पहुंचे अलर्ट

मुख्य सचिव ने तहसील स्तर पर रियल टाइम सूचना के आदान-प्रदान के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के आदेश दिए।
उन्होंने कहा,

“आपातकालीन सूचना 15 मिनट के भीतर एसईओसी और डीईओसी के माध्यम से जनता तक पहुंचे – यह सुनिश्चित करें।”


SEOC की बनेगी SOP, कंट्रोल रूम में मॉक ड्रिल का आदेश

सभी अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिकाओं को स्पष्ट करने हेतु SEOC और DEOC के लिए अलग-अलग एसओपी (SOP) तैयार करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, कंट्रोल रूम की मॉक ड्रिल अनिवार्य रूप से कराने के आदेश दिए गए हैं।


72 घंटे में अहेतुक सहायता दें — स्पष्ट निर्देश

आपदा प्रभावितों को अहेतुक सहायता देने में देरी न हो — इसके लिए 72 घंटे की समयसीमा तय की गई है।
मुख्य सचिव ने त्वरित सर्वे और मुआवजे की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।


उपस्थित रहे ये अधिकारी

  • सचिव विनोद कुमार सुमन
  • अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप
  • डीआईजी राजकुमार नेगी
  • संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी
  • विशेषज्ञ: मनीष भगत, रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, डॉ. वेदिका पंत, हेमंत बिष्ट, सु. तंद्रीला सरकार

आप भी रहें सतर्क!
सचेत ऐप’ डाउनलोड करें और 112, 1070, 1077 नंबर सेव करें।

“आपदा से पहले तैयार रहें — तभी बचाव संभव है!”

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