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हेमकुंड साहिब यात्रा 2025: अब तक 2.28 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, 10 अक्टूबर को बंद होंगे कपाट

ज्योतिर्मठ, उत्तराखंड | 3 अगस्त 2025

उत्तराखंड की ऊँचाइयों में स्थित सिख आस्था के प्रमुख तीर्थ हेमकुंड साहिब की यात्रा अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रही है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शीतकालीन अवकाश को देखते हुए 10 अक्टूबर 2025 को हेमकुंड साहिब के पवित्र कपाट बंद कर दिए जाएंगे। यात्रा के दौरान अब तक 2.28 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां मत्था टेक चुके हैं।

25 मई से शुरू हुई थी यात्रा

हेमकुंड साहिब यात्रा इस वर्ष 25 मई को विधिवत रूप से आरंभ हुई थी। तब से अब तक श्रद्धालुओं का आना निरंतर जारी है। बारिश और दुर्गम पर्वतीय रास्तों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। हर आयु वर्ग के लोग इस कठिन यात्रा को पार कर पवित्र स्थल पर माथा टेक रहे हैं।

बढ़ती भीड़ और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य

बरसात के इस मौसम में हेमकुंड घाटी का दृश्य मन मोह लेने वाला है। चारों ओर फैला हिम सरोवर और उसके किनारों पर खिले ब्रह्मकमल, फैन कमल, नीलपुष्प जैसी दुर्लभ प्रजातियों के फूल यहां की सुंदरता में चार चाँद लगा रहे हैं।

श्रद्धालुओं के लिए यह न केवल आध्यात्मिक अनुभव है, बल्कि प्रकृति के अत्यंत नज़दीक पहुंचने का भी अवसर बन जाता है।

प्रबंधक ट्रस्ट ने दी जानकारी

हेमकुंड साहिब प्रबंधक ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि इस वर्ष अभी तक 2.28 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, और यह संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।

उन्होंने बताया कि, “हमने इस वर्ष यात्रा मार्ग और सुविधाओं को और बेहतर बनाने की कोशिश की है। चिकित्सा शिविर, सुरक्षा टीम, प्रसाद वितरण और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। हम श्रद्धालुओं से आग्रह करते हैं कि वे मौसम को ध्यान में रखते हुए ही यात्रा करें।”

यात्रा से जुड़े विशेष तथ्य:

  • स्थान: हेमकुंड साहिब, चमोली ज़िला, उत्तराखंड
  • ऊँचाई: लगभग 15,200 फीट (4,633 मीटर)
  • कपाट खुलने की तिथि: 25 मई 2025
  • कपाट बंद होने की तिथि: 10 अक्टूबर 2025
  • अब तक पहुंचे श्रद्धालु: 2,28,000+
  • प्रमुख आकर्षण: हिम सरोवर, ब्रह्मकमल, सात पर्वतों से घिरा गुरुद्वारा परिसर

प्रशासन की अपील

राज्य सरकार और ट्रस्ट द्वारा तीर्थयात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी लें और आवश्यक वस्तुएं जैसे गरम कपड़े, दवाइयां व पहचान पत्र अपने साथ रखें। अत्यधिक बारिश या बर्फबारी के दिनों में यात्रा को टालने की सलाह भी दी गई है।


हेमकुंड साहिब न केवल एक तीर्थ है, बल्कि आत्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम स्थल भी है। यदि आप इस वर्ष की यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो 10 अक्टूबर से पहले अपनी यात्रा की योजना बनाएं।

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