लोकेशन: देहरादून
तिथि: 21 जुलाई 2025
सरकार का फोकस अब गांवों के ‘अकेले बुजुर्गों’ पर — हर जिले को मिला विशेष टास्क
उत्तराखंड सरकार ने राज्यभर के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र में निवास करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की नियमित निगरानी और देखभाल सुनिश्चित करें। खासकर पहाड़ी और दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहे बुजुर्गों तक सरकारी योजनाओं के लाभ और सामाजिक सुरक्षा समय पर पहुंचे, यह अब जिलों की प्राथमिक जिम्मेदारी होगी।
क्या है नई व्यवस्था?
- गांव-गांव जाकर पुलिस करेगी वरिष्ठ नागरिकों से संवाद
- हर थाने को तैयार करनी होगी अपने क्षेत्र के बुजुर्गों की सूची
- हर माह होगा नियमित दौरा, ज़रूरत पर तुरंत मदद मिलेगी
- भरण-पोषण नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई
पलायन के बाद गांवों में बुजुर्ग ही बचे — सरकार को चिंता
राज्य के सुदूरवर्ती गांवों से बड़ी संख्या में युवाओं के पलायन के चलते अब वहां बुजुर्गों की जनसंख्या बढ़ती जा रही है। इन बुजुर्गों को
इलाज, दवा, सहायता या जानकारी तक पहुंचने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सरकार ने माना है कि “बुजुर्ग अकेले हैं, और योजनाओं से वंचित न रह जाएं, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।”
कानूनी ढांचा भी होगा सख्त — 5000 का जुर्माना या 3 माह जेल
उत्तराखंड सरकार ने “माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007” और राज्य नियमावली, 2011 को सख्ती से लागू करने के आदेश भी दिए हैं।
- अगर कोई संतान अपने माता-पिता की उपेक्षा करती है, तो उस पर ₹5000 तक का जुर्माना या तीन माह की जेल, या दोनों हो सकते हैं।
कौन-कौन हुआ सक्रिय?
- अपर सचिव प्रकाश चंद ने आदेश जारी कर सभी डीएम को कार्रवाई का निर्देश दिया।
- संयुक्त नागरिक संगठन के गिरीश चंद्र भट्ट और सुशील त्यागी ने नियमों के क्रियान्वयन पर सरकार से मुलाकात कर सख्ती की मांग रखी।
- समाज कल्याण विभाग की योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना है।
धामी सरकार की मंशा साफ:
“कोई बुजुर्ग भूखा न सोए, बीमार न रहे और अकेला महसूस न करे – इसके लिए सरकार हर संभव सहायता पहुंचाएगी।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक और प्रशासनिक सुरक्षा देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
आप क्या कर सकते हैं?
- यदि आपके आसपास कोई वृद्ध अकेला है, तो उसकी जानकारी स्थानीय पुलिस या समाज कल्याण अधिकारी को दें।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, e-Uttarakhand पोर्टल या जिला समाज कल्याण कार्यालय से संपर्क करें।