देहरादून के बिंदाल पुल के निकट स्थित देहरादून पॉल मर्चेंट में गोल्ड लोन लेना तो आसान है, मगर उसे वापस पाना बहुत ही जोखिम भरा है। यहां काम करने वाले कर्मचारी आए दिन लोन धारकों को विभिन्न नए नियमों और बाधकों से परिचय कराते हुए बदतमीजी करते हैं। जिससे एक दुकानदार और ग्राहक के संबंध के तौर पर संवेदनशील नहीं माना जा सकता है। एक तरफ तो इस तरह के केंद्र ग्राहक को भगवान होने का दावा करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ यही लोग ग्राहकों को सम्मान देने के बजाय उनका तिरस्कार करते हैं।
हमारा यह दावा यूं ही नहीं है। हमने अपने इस दावे में एक ग्राहक के अनुभव को शामिल किया है। जिनके साथ के यहां के कर्मचारियों ने गाली गलौच से ले कर हाथापाई तक किया, और जब इस ग्राहक ने इस केंद्र के मैनेजर से शिकायत किया तो आरोपी कर्मचारियों पर कारवाई करने के बजाय उल्टा ग्राहक पर ही आरोप लगाए गए।
कल्पना करिए कि कोई केंद्र आपको 1 घंटे में लोन दिलाने का दंभ भरता है लेकिन जब इस तरह के लोन बंदोबस्ती को बंद करने की नौबत आती है तो वह आपको विभिन्न तरीकों से हफ्तों तक उलझाए रखता है। उससे भी मन नहीं भरता तो आपके साथ मारपीट और गाली गलौच की जाती है। सरकारी तंत्रों को जेब में रखने का रसूख दिखाया जाता है। फिर आप बताइए कि आगे यह व्यवहार अगर आपके साथ ग्राहक के तौर पर देहरादून पॉल मर्चेंट की ओर से किया जाए तो क्या आप ये मानेंगे कि एक दुकानदार के लिए ग्राहक ही भगवान होता है?