सभी जिलाधिकारी राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपेंगे। अभी भू-उपयोग पोर्टल है, लेकिन यह नए कानून के अनुसार अपडेट नहीं है। ऐसे में नया भू-पोर्टल बनाया जाएगा। नए पाेर्टल के माध्यम से प्रदेश के समस्त पटवारी-लेखपाल क्षेत्रों में भूमि की खरीद और बिक्री का तहसील से लेकर जिला और शासन स्तर पर नियमित अनुश्रवण किया जाएगा।भू-कानून का उल्लंघन होने पर संबंधित स्थल या भूमि के फोटो के साथ अपडेट सूचना पोर्टल में दर्ज की जा सकेगी। समस्त पटवारी और लेखपाल आनलाइन इससे जुड़ेंगे।

अब तक हुए संशोधनों के लिए भी नियमावलियां

नए कानून को पूरे प्रदेश में इस प्रकार प्रभावी बनाया जाएगा, ताकि भू-कानून का उल्लंघन करने वाले तुरंत पकड़ में आ सकें। राजस्व विभाग नए कानून की नियमावली बनाने में जुटा है। औद्योगिक एवं निवेश के प्रयोजन के लिए भूमि खरीद की अनुमति के लिए अनिवार्यता प्रमाणपत्र, शपथपत्र, आवेदन करने समेत कानून के क्रियान्वयन से जुड़ी समस्त प्रक्रिया का विवरण नियमावली में होगा।

इसके स्वरूप सरल रहेगा, ताकि आवेदक को अनावश्यक कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भू-कानून में अब तक जितने संशोधन किए गए हैं, उनसे जुड़ी नियमावलियां भी इसका हिस्सा होंगी।

भूमि खरीद व भू-उपयोग परिवर्तन की समयबद्ध प्रक्रिया

नियमावली में उद्योगों की ओर से भूमि खरीदने के बाद वहां 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने से संबंधित सूचनाएं देने की व्यवस्था बनाई जा रही है। साथ ही भूमि खरीद और भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति की व्यवस्था समयबद्ध की जाएगी।

राजस्व सचिव एसएन पांडेय ने बताया कि जिलाधिकारी प्रत्येक माह उपजिलाधिकारियों से रिपोर्ट लेंगे। राजस्व परिषद को जिलाधिकारी की ओर से प्रत्येक तिमाही में रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद परिषद अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगा। नई नियमावली को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।