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Ankita Murder Case:…जब जान बचाकर भागे थे पूर्व कर्मचारी, वनंत्रा रिजॉर्ट में ही कैद होकर रह गईं शिकायतें

वनंत्रा रिज़ॉर्ट बना था शोषण का अड्डा: पुलकित आर्य करता था महिला कर्मचारियों पर वीआईपी सेवा का दबाव

रिपोर्ट: हरिद्वार | तारीख: 31 मई 2025

अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य न केवल वनंत्रा रिज़ॉर्ट का संचालक था, बल्कि वह एक सुनियोजित तरीके से महिला कर्मचारियों का शोषण भी करता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलकित आर्य OLX, Quikr और अन्य जॉब पोर्टल्स पर फर्जी नौकरी के विज्ञापन देकर मैनेजर, रिसेप्शनिस्ट, शेफ और अन्य स्टाफ की भर्ती करता था।

नौकरी मिलने के बाद, विशेष रूप से महिला कर्मचारियों पर कथित तौर पर “वीआईपी मेहमानों” को अतिरिक्त सेवाएं देने का दबाव बनाया जाता था। जब महिलाएं इस तरह की मांगों को मानने से इनकार करतीं, तो उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था।

कर्मचारी छोड़ते गए नौकरी, मिली शिकायतें

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि हरिद्वार, मेरठ और पौड़ी गढ़वाल जैसे कई इलाकों से कर्मचारी इस रिज़ॉर्ट में काम करने आए थे, लेकिन शोषण और धमकियों से परेशान होकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी। कुछ मामलों में तो कर्मचारियों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।

मेरठ की रहने वाली प्रियंका और उनके पति ने भी वनंत्रा रिज़ॉर्ट की नौकरी छोड़ दी थी। प्रियंका पर पुलकित ने नौकरी छोड़ने के बाद झूठा चोरी का आरोप लगाया था। वहीं, रुड़की का एक युवक आरोपियों की प्रताड़ना से बचने के लिए पैदल ही वहां से भाग गया था।

रिज़ॉर्ट से मिले दर्जनों शिकायती पत्र

पुलिस को वनंत्रा रिज़ॉर्ट के रिसेप्शन काउंटर और स्टाफ रेजिडेंस से कई शिकायती पत्र बरामद हुए हैं, जिन्हें कर्मचारियों ने पुलकित आर्य और उनके सहयोगियों के खिलाफ लिखा था। हालांकि, यह शिकायतें कभी राजस्व पुलिस या स्थानीय थाना पुलिस तक नहीं पहुंच पाईं।

भागना चाहती थी अंकिता, नहीं मिला मौका

जांच में पता चला है कि अंकिता भंडारी भी इन हालातों से तंग आ चुकी थी और रिज़ॉर्ट से भागने की योजना बना रही थी। उसने अपने कपड़े, जरूरी दस्तावेज और अन्य सामान बैग में रख लिया था। वह मानसिक रूप से इतनी व्यथित थी कि उसने खाना भी नहीं खाया था। लेकिन आरोप है कि पुलकित और उसके साथियों ने ऐसा जाल बिछाया कि उसे भागने का मौका नहीं मिल सका।


इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस की जांच तेज कर दी गई है। यह मामला अब न सिर्फ हत्या का, बल्कि संगठित शोषण और मानवाधिकार उल्लंघन का रूप ले चुका है।

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