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Uttarakhand News: अब एनडीआरएफ का ड्रोन बताएगा दुर्गम इलाकों का हाल, खोजबीन करेगा डॉग स्कवॉड

 

राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए तैयारियां तेज़, पर्वतीय बचाव दल और ड्रोन से लैस हुआ NDRF

देहरादून, 1 जून 2025:

राज्य में आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है। हालिया घटनाओं और बदलते मौसम के पैटर्न को देखते हुए, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने अपनी ताकत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है। अब NDRF ड्रोन, श्वान दस्तों और डॉक्टरों से लैस होकर आपदा राहत अभियानों में पहले से कहीं अधिक दक्षता के साथ मैदान में उतर रहा है।

आपदा के समय एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में सबसे पहले पहुंचती हैं। कम्युनिकेशन से लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन तक, उनके पास अब और भी उन्नत संसाधन उपलब्ध हैं। अधिकारी बताते हैं कि दुर्गम क्षेत्रों की सटीक जानकारी जुटाने के लिए दो हाई-टेक ड्रोन तैनात किए गए हैं, जिससे राहत कार्यों की गति और गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा।

पर्वतीय बचाव दल का गठन, प्रशिक्षित कर्मी होंगे तैनात

राज्य सरकार ने माणा जैसी घटनाओं के दृष्टिगत विशेष पर्वतीय बचाव दलों का गठन किया है। इन दलों में ऐसे कर्मियों को शामिल किया गया है, जिन्होंने एडवांस रेस्क्यू ट्रेनिंग प्राप्त की है। ये टीमें विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्रों में चलाए जाने वाले आपात अभियानों के लिए तैयार की गई हैं और जोखिमपूर्ण इलाकों तक जल्दी पहुंचने में सक्षम हैं।

श्वान दल और डॉक्टर भी अब होंगे रेस्क्यू टीम का हिस्सा

NDRF के डिप्टी कमांडेंट रोहिताश्व मिश्रा ने जानकारी दी कि अब खोजबीन अभियान में आठ प्रशिक्षित श्वान भी शामिल किए गए हैं, जो मलबे में दबे लोगों की तलाश में मदद करेंगे। इसके अलावा पहली बार रेस्क्यू टीमों में डॉक्टरों को भी शामिल किया गया है, ताकि मौके पर ही प्राथमिक चिकित्सा और उपचार मुहैया कराया जा सके।

टीमों की संख्या में होगा इज़ाफा

राज्य में इस समय NDRF की 10 टीमें तैनात हैं, जिन्हें बढ़ाकर जल्द ही 13 किया जाएगा। आपदा प्रबंधन से जुड़ी संस्थाएं अपने संसाधनों और क्षमताओं को लगातार उन्नत करने में जुटी हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

 

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