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उत्तराखंड: सभी नगर निकायों में लागू होगा ई-ऑफिस सिस्टम, फाइलों की धीमी रफ्तार को लगेगा ब्रेक

देहरादून। उत्तराखंड के नगर निकायों में अब कामकाज कागज़ों के ढेर में नहीं, बल्कि कंप्यूटर स्क्रीन पर होगा। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 107 नगर निकायों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने का फैसला लिया है। यह निर्णय शहरी विकास सचिव नितेश झा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।

इस कदम से शहरी क्षेत्रों में सरकारी फाइलों के अटकने, गुम होने या डैमेज होने जैसी समस्याओं पर लगाम लगेगी और कार्यप्रणाली में रफ्तार और पारदर्शिता आएगी।


अब हर फाइल होगी डिजिटल, सिस्टम बताएगा कहां है काम रुका

प्रदेश के अधिकांश नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में आज भी पारंपरिक कागजी फाइल सिस्टम का इस्तेमाल हो रहा है। इससे काम में देरी होती है और कई बार फाइलें गुम या क्षतिग्रस्त भी हो जाती हैं।
ई-ऑफिस लागू होने के बाद सभी फाइलें कंप्यूटर के माध्यम से ट्रैक की जा सकेंगी। इससे काम में तेजी आएगी और नागरिकों को समय पर सेवाएं मिलेंगी।


कर्मचारियों को मिलेगा ई-ऑफिस का प्रशिक्षण

सचिव नितेश झा ने निर्देश दिए कि सभी नगर निकाय कर्मचारियों को ई-ऑफिस चलाने का प्रशिक्षण दिया जाए। इससे नए सिस्टम को सहजता से अपनाया जा सकेगा और कामकाज में कोई रुकावट नहीं आएगी।


राजस्व और खर्च का पूरा लेखा-जोखा भी होगा ऑनलाइन

बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि निकायों की आय और व्यय का हिसाब-किताब भी डिजिटल किया जाएगा। अभी कई निकायों में यह तक पता नहीं होता कि महीनेभर में कितना राजस्व आया और कितना खर्च हुआ।
अब प्रत्येक नगर निकाय का माहवार राजस्व और व्यय विवरण एक क्लिक पर उपलब्ध होगा।


उद्देश्य: दक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह निकाय व्यवस्था

इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि निकायों को तकनीकी रूप से सक्षम और अधिक पारदर्शी बनाया जाए। ई-ऑफिस से प्रशासनिक कार्यों की निगरानी आसान होगी और जवाबदेही भी तय होगी।


राज्य में 107 नगर निकाय हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • नगर निगम

  • नगर पालिकाएं

  • नगर पंचायतें


उत्तराखंड सरकार की यह पहल ई-गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
इससे निकायों की कार्यप्रणाली स्मार्ट और नागरिक-हितैषी बनने की ओर अग्रसर होगी।

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