ऋषिकेश | रविवार, 8 जून 2025
ऋषिकेश ISBT पर रविवार को एक अप्रत्याशित स्थिति पैदा हो गई जब एक नेपाली महिला को सार्वजनिक शौचालय में अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। महिला की चीख सुनकर वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। हालांकि, मौके पर तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला का सुरक्षित प्रसव कराया।
पब्लिक टॉयलेट में शुरू हुई प्रसव पीड़ा
रविवार सुबह करीब 10:15 बजे, 21 वर्षीय ज्योति, जो नेपाल मूल की हैं, अपने पति मनीष थापा के साथ कर्णप्रयाग (चमोली) से ऋषिकेश ISBT पहुंचीं। पहुंचते ही ज्योति शौचालय गईं, जहां उन्हें अचानक तेज प्रसव पीड़ा हुई।
शौचालय से आ रही चीख-पुकार सुनकर बाहर खड़े पति और अन्य लोग घबरा गए। आनन-फानन में उन्होंने ट्रांजिट कैंप स्थित स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी।
स्वास्थ्य विभाग की टीम बनी ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’
सूचना मिलते ही ट्रांजिट कैंप में तैनात
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डॉ. यशोदा पाल
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फार्मासिस्ट निर्मला तिवारी
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और अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौके पर पहुंचे।
टीम ने बिना समय गंवाए पब्लिक टॉयलेट परिसर में ही सुरक्षित प्रसव कराया।
इसके बाद 108 एंबुलेंस सेवा की मदद से जच्चा और बच्चा दोनों को शांति प्रपन्न शर्मा सरकारी अस्पताल भेजा गया, जहां दोनों की हालत स्थिर और स्वस्थ बताई गई है।
क्या बोले चिकित्सा केंद्र प्रभारी?
ट्रांजिट कैंप के चिकित्सा प्रभारी विजय गौड़ ने बताया:
“महिला की हालत स्थिर है। हमारी टीम समय पर पहुंच गई थी, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।”
निष्कर्ष:
चारधाम यात्रा के दौरान लाखों यात्रियों की आवाजाही को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और सक्रियता ने एक संभावित संकट को टाल दिया। पब्लिक टॉयलेट जैसी असामान्य जगह पर सुरक्षित प्रसव संभव बना सरकारी व्यवस्था और फील्ड टीम की चुस्ती से।