देहरादून | 12 जून 2025
उत्तराखंड अब केवल तीर्थों और ट्रेकिंग के लिए नहीं, बल्कि डेस्टिनेशन वेडिंग हॉटस्पॉट के रूप में भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल और ब्रांड इंडिया” विजन से प्रेरित होकर राज्य सरकार ने “Wed in Uttarakhand” नाम से एक विस्तृत डेस्टिनेशन वेडिंग फ्रेमवर्क तैयार किया है। इसका उद्देश्य उत्तराखंड को भारत के शीर्ष विवाह पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल करना है।
शादी अब होगी थीम बेस्ड: आध्यात्मिक, एडवेंचर और ईको-फ्रेंडली
राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई योजना में विवाह कार्यक्रमों को चार खास थीम्स में बांटा गया है:
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साहसिक विवाह (Adventure Wedding): नदी किनारे, क्लिफ टॉप, जंगल या ट्रेकिंग डेस्टिनेशन पर विवाह।
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आध्यात्मिक विवाह (Spiritual Wedding): ऋषिकेश, केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्थलों पर सात फेरे।
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ईको-फ्रेंडली विवाह (Eco-friendly Wedding): प्रकृति के बीच सस्टेनेबल, कम-कार्बन फुटप्रिंट वाली शादी।
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पारंपरिक कुमाऊंनी और गढ़वाली विवाह: पहाड़ी संस्कृति से सराबोर रस्मों के साथ पारंपरिक अंदाज में विवाह।
नई जगहों की होगी खोज, सुविधाओं से होंगे लैस
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे द्वारा जारी फ्रेमवर्क के अनुसार, सरकार न केवल मसूरी, नैनीताल, ऋषिकेश जैसे प्रमुख हिल स्टेशन बल्कि छिपी हुई और नई जगहों की भी पहचान करेगी। इन स्थलों पर सड़क, बिजली, जल, इंटरनेट और ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी को तेजी से विकसित किया जाएगा।
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GMVN (गढ़वाल मंडल विकास निगम) और KMVN (कुमाऊं मंडल विकास निगम) मिलकर पर्यटन विभाग को तकनीकी और ज़मीनी सहयोग देंगे।
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टेंट सिटी, लग्जरी रिसॉर्ट, ट्रैवल इन्फ्रा विकसित होगा ताकि हर तरह की शादी संभव हो सके – बड़ी, भव्य, या सादगी भरी।
वन स्टॉप सॉल्यूशन: पोर्टल से मिलेगा शादी का परमिट
अब उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग करना होगा आसान। सरकार एक “सिंगल विंडो सिस्टम पोर्टल” बनाएगी जहां विवाह समारोह के लिए आवश्यक लाइसेंस, परमिट, दिशानिर्देश और नियमों की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध होगी।
इसके साथ ही:
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सेवा प्रदाताओं, इवेंट प्लानर्स और टूर ऑपरेटरों के लिए प्रमाणन और पैनल प्रक्रिया होगी।
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शोर नियंत्रण, कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय दिशा-निर्देश अनिवार्य रूप से लागू किए जाएंगे।
रोजगार, अर्थव्यवस्था और पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना को उत्तराखंड की पर्यटन अर्थव्यवस्था का इंजन बताया है। उन्होंने कहा:
“हमारा लक्ष्य केवल विवाह पर्यटन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान, रोजगार और स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाना है।”
प्रचार-प्रसार के लिए मार्केटिंग मास्टर प्लान
राज्य सरकार:
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प्रमुख स्थलों जैसे ऋषिकेश के घाट, मसूरी के रिसॉर्ट, अल्मोड़ा की हेरिटेज प्रॉपर्टी का प्रचार करेगी।
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इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग, डिजिटल कंटेंट, फोटो-वीडियो फिल्म्स और सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए वेडिंग टूरिज्म को ब्रांडिंग मिलेगी।
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इवेंट प्लानर्स के लिए फैम टूर (Familiarization Trips) आयोजित होंगे।
एक नजर में योजना के प्रमुख बिंदु:
बिंदु | विवरण |
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उद्देश्य | उत्तराखंड को प्रमुख विवाह पर्यटन स्थल बनाना |
क्रियान्वयन | पर्यटन विकास परिषद, GMVN/KMVN के सहयोग से |
फोकस लोकेशन | ऋषिकेश, मसूरी, अल्मोड़ा, नए अज्ञात स्थल |
टारगेट ऑडियंस | घरेलू व विदेशी कपल्स, लग्जरी वेडिंग प्लानर्स |
थीम | आध्यात्मिक, साहसिक, ईको-फ्रेंडली, पारंपरिक |
इकोनॉमिक इम्पैक्ट | पर्यटन, रोजगार, स्थानीय कारोबार में वृद्धि |
“Wed in Uttarakhand” बन सकता है भारत का अगला वेडिंग ब्रांड
राजस्थान के महलों और गोवा के समुद्र तटों के बाद, उत्तराखंड अब हिमालय की गोद में बसे विवाह स्वर्ग के रूप में उभर रहा है। सरकार की यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देगी, बल्कि भारत के वेडिंग टूरिज्म मैप पर उत्तराखंड को एक खास पहचान भी दिलाएगी।