देहरादून | 14 जून 2025
उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर भूचाल—राज्य के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति और सरकारी धन के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए मंत्री जोशी को 23 जुलाई 2025 तक अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
क्या हैं आरोप?
देहरादून निवासी RTI कार्यकर्ता विकेश सिंह की याचिका में मंत्री गणेश जोशी पर कई अहम आरोप लगाए गए हैं:
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बागवानी और जैविक खेती योजनाओं में गड़बड़ी
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विदेश दौरों में खर्चों की पारदर्शिता पर सवाल
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निर्माणाधीन सैन्य धाम में निर्माण कार्य में अनियमितताएं
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2022 विधानसभा चुनाव में दाखिल शपथपत्र के मुताबिक घोषित संपत्ति ₹9 करोड़, लेकिन अब उनकी संपत्ति में असामान्य वृद्धि का आरोप
कोर्ट की टिप्पणी और आदेश
गुरुवार को न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई की।
हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इसमें विस्तृत जवाब की आवश्यकता है। कोर्ट ने—
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मंत्री गणेश जोशी को 23 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया
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याचिकाकर्ता को भी जवाब की प्रति पर उत्तर देने को कहा
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अगली सुनवाई की तिथि 23 जुलाई 2025 तय की
क्या बोले याचिकाकर्ता?
RTI कार्यकर्ता विकेश सिंह का दावा है कि:
“जनता के धन का दुरुपयोग करते हुए मंत्री ने विदेश यात्राएं कीं, सैन्य धाम निर्माण में गड़बड़ी की और अपनी संपत्ति में बेहिसाब बढ़ोतरी की। यह लोक सेवक के रूप में विश्वासघात है।”
राजनीतिक माहौल गरम
मामले के उजागर होते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल है।
हालांकि, अभी तक मंत्री गणेश जोशी या राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
क्यों है मामला अहम?
गणेश जोशी वर्तमान सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं और सैनिक कल्याण, कृषि एवं बागवानी जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभालते हैं। ऐसे में उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का असर सरकार की छवि और विश्वसनीयता पर पड़ सकता है।