स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
तिथि: शुक्रवार, 20 जून 2025
देहरादून में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने 67वें जन्मदिन के अवसर पर ऐतिहासिक प्रेसिडेंशियल रिट्रीट के पुनर्निर्मित स्वरूप का भव्य उद्घाटन किया। इस परिसर को अब “राष्ट्रपति निकेतन” के नाम से जाना जाएगा और यह 1 जुलाई 2025 से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति निकेतन: इतिहास और आधुनिकता का संगम
राजपुर रोड पर स्थित यह 237 एकड़ में फैला परिसर कभी ब्रिटिश गवर्नर जनरल के अंगरक्षक घोड़ों के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर था।
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1838: गवर्नर जनरल के घुड़सवार अंगरक्षक के कैंप के रूप में शुरुआत
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1920: यूनिट कमांडेंट के लिए बंगला निर्माण
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1976: ‘राष्ट्रपति निवास’ घोषित
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2016: भूकंपीय रेट्रोफिटिंग व पारंपरिक जल प्रणाली की बहाली
अब इसे “राष्ट्रपति निकेतन” नाम दिया गया है, जो वास्तुकला, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संयोजन है। इसमें मुख्य भवन, एनेक्सी, अस्तबल, स्विमिंग पूल और सुंदर बाग शामिल हैं।
राष्ट्रपति उद्यान और तपोवन की भी हुई शुरुआत
राष्ट्रपति मुर्मू ने 132 एकड़ में बनने वाले राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला भी रखी। यह भव्य सार्वजनिक उद्यान प्रेसिडेंशियल रिट्रीट परिसर का हिस्सा होगा।
साथ ही, उन्होंने राष्ट्रपति तपोवन का भी उद्घाटन किया, जो 24 जून से आम नागरिकों के लिए खोला जाएगा।
जनता के लिए सुविधाएं: कैफेटेरिया, विज़िटर सेंटर और स्मारिका दुकान
राष्ट्रपति निकेतन में आगंतुकों के लिए विशेष सुविधाओं का भी उद्घाटन किया गया, जिनमें एक कैफेटेरिया, विज़िटर सेंटर और गिफ्ट शॉप शामिल हैं।
दृष्टिबाधित बच्चों के बीच मनाया जन्मदिन, भावुक हुईं राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मुर्मू शुक्रवार को राष्ट्रीय दृष्टिबाधित व्यक्तियों के सशक्तिकरण संस्थान (NIEPVD) भी पहुंचीं।
वहां दृष्टिबाधित बच्चों ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं गीत के माध्यम से दीं। इस दौरान भावुक हुईं राष्ट्रपति ने कहा:
“मैं अपने आंसू नहीं रोक पाई। वे बहुत खूबसूरती से गा रहे थे… अपने दिल से।”
राष्ट्रपति का तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। सुरक्षा के चलते शहर में ट्रैफिक डायवर्जन प्लान भी लागू है। राष्ट्रपति निकेतन के उद्घाटन के साथ ही यह दौरा ऐतिहासिक बन गया।
सारांश:
राष्ट्रपति निकेतन न केवल देहरादून की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह आम नागरिकों को विरासत से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करेगा।