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राजधानी देहरादून के 19 ब्लैक स्पॉट बने मौत के चौराहे: लापरवाही बनी हादसों की वजह, पांच महीने में 70 ने गंवाई जान

रिपोर्ट: देहरादून | तारीख: 23 जून 2025

देहरादून, उत्तराखंड की शांत और हरी-भरी राजधानी, अब दुर्घटनाओं का शहर बनती जा रही है। नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और शहर की आंतरिक सड़कों पर 19 ऐसे खतरनाक ज़ोन चिन्हित किए गए हैं, जो रोजाना जानलेवा हादसों को दावत दे रहे हैं। वजह साफ है—खस्ताहाल सड़कें, अंधे मोड़, तेज रफ्तार, खराब लाइटिंग और ट्रैफिक संकेतकों की कमी।

खतरे के निशान लेकिन सुधार नहीं

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), लोक निर्माण विभाग (PWD) और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक, देहरादून में 19 स्थानों को “एक्सीडेंट प्रोन ज़ोन” घोषित किया गया है। इन स्थलों पर चेतावनी बोर्ड लगाने, लाइटिंग सुधारने और सड़क सुधार कार्यों के लिए आदेश तो दिए गए, लेकिन ज़मीन पर अमल न के बराबर है।

एक उदाहरण आशारोड़ी चेकपोस्ट का है, जहां डीएम सविन बंसल ने हाईमास्ट लाइट लगाने के निर्देश दिए थे ताकि बैरियर नजर आ सके। लेकिन आदेश फाइलों में दब गया और हाल ही में वहां फिर चार कीमती जानें चली गईं।


राजधानी के प्रमुख 19 एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट

क्रमस्थानखतरे की वजह
1बीजापुर तिराहा से सर्किट हाउसतेज रफ्तार, अंधेरा
2अनारवाला – गुच्चूपानी तिराहाअंधा मोड़, लाइट नहीं
3गजियावाला – किमाड़ी – हाथीपांवसकरी सड़क
4साईं मंदिरढलान, अनियंत्रित रफ्तार
5मालसीढलान, ओवरस्पीड
6डीआईटी कॉलेजखड़ी ढलान
7एनआईईवीपी के सामनेहल्का मोड़, तेज रफ्तार
8मंकी बैंड, धनोल्टी रोडतीखा मोड़, पूर्व हादसे
9पानी वाला बैंड (कोल्हूखेत)संकरी सड़क, गहरी खाई
10तेलपुर चौकभीड़, घुमावदार रास्ता
11मेहूंवालारोशनी की कमी
12बडोवाला चौकसंकरी सड़क
13शिमला बाइपास चौकअतिक्रमण, लाइट नहीं
14शास्त्रीनगर – कैलाश अस्पतालसंकरी सड़क, लाइट की कमी
15रिजेंटा होटल, सुद्धोवालातेज रफ्तार
16आशारोड़ी चेकपोस्टअंधेरा, ढलान
17बल्लीवाला फ्लाईओवरकम चौड़ाई
18रिंग रोड मोड़तीखा मोड़
19महाराणा प्रताप चौक – थानो रोडतेज मोड़, संकरी सड़क

पांच महीनों में 172 हादसे, 70 मौतें

इन खतरनाक स्थानों पर जनवरी से मई 2025 के बीच हुए हादसों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं:

  • कुल दुर्घटनाएं: 172
  • मृतक: 70
  • घायल: 126

विशेषज्ञों की राय: “सिर्फ चेतावनी बोर्ड नहीं, ज़रूरत है इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार की”

ट्रैफिक विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर देने से काम नहीं चलेगा। जब तक सड़क निर्माण में गुणवत्ता, लाइटिंग, साइनेज, बैरियर और स्पीड कंट्रोल जैसे बुनियादी मानकों पर काम नहीं होता, ये इलाके मौत के जाल बने रहेंगे।


समाधान की दिशा में जरूरी कदम

  • हाईमास्ट लाइट की स्थापना
  • स्पीड ब्रेकर और साइनेज
  • CCTV कैमरे और ट्रैफिक मॉनिटरिंग
  • ड्राइविंग सेंस पर प्रशिक्षण
  • जन-जागरूकता अभियान

देहरादून की सड़कें सुगमता की नहीं, अब सुरक्षा की माँग कर रही हैं। ज़रूरत है कि रिपोर्टों को फाइलों से निकालकर ज़मीन पर उतारा जाए, वरना हर मोड़ एक और मौत की मुनादी करता रहेगा।

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