सुरक्षा के मद्देनज़र वन विभाग और संचालन समिति ने लिया निर्णय, ट्रेकिंग और जलप्रवाह बना सकते हैं जानलेवा
ऋषिकेश, 26 जून 2025
ऋषिकेश आने वाले पर्यटकों के लिए एक अहम खबर—मानसून के चलते नीरगढ़ झरना आगामी 1 जुलाई से अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है। यह निर्णय वन विभाग द्वारा जारी चेतावनी और झरना ईको विकास संचालन समिति की बैठक के बाद लिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
नीरगढ़ झरना, जो ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर स्थित है, हर साल गर्मियों में हजारों देश-विदेशी पर्यटकों का आकर्षण केंद्र रहता है। लेकिन मानसून के दौरान यहां का दृश्य खतरनाक रूप ले सकता है:
- तेज जल प्रवाह
- फिसलन भरा ट्रेकिंग मार्ग
- अचानक आने वाली बाढ़ जैसी स्थिति
इन्हीं कारणों से हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी झरने को अस्थायी रूप से बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
आधिकारिक आदेश दो दिन में
नीरगढ़ झरना ईको विकास संचालन समिति के अध्यक्ष सूरज सिंह नेगी ने बताया कि:
“मानसून के आगमन को देखते हुए 1 जुलाई से झरने को बंद करने पर लगभग सहमति बन गई है। अगले दो दिनों में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया जाएगा। पर्यटकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”
ट्रेकिंग भी हो सकती है खतरनाक
वन क्षेत्राधिकारी विवेक जोशी ने बताया कि झरने तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को लगभग 2 से 2.5 किलोमीटर का पैदल ट्रेक तय करना होता है। मानसून में यह ट्रेक
- दलदली और बेहद फिसलन भरा हो जाता है
- इससे पर्यटकों के फिसलकर गिरने और घायल होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है
- वहीं झरने का अचानक बढ़ता जलस्तर भी हादसे का कारण बन सकता है
पर्यटकों को सलाह: योजना बदलें
जो पर्यटक जुलाई के पहले सप्ताह में ऋषिकेश आने की योजना बना रहे हैं, उन्हें सलाह दी जा रही है कि वे नीरगढ़ झरना यात्रा फिलहाल टाल दें या विकल्पों की तलाश करें।
झरना खुलने की नई तारीख मानसून की स्थिति को देखकर तय की जाएगी।
नीरगढ़ झरना बंद होना पर्यटन के लिहाज से अस्थायी असुविधा ज़रूर है, लेकिन यह कदम यात्रियों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है।