BREAKING

देहरादून में रॉटवीलर का आतंक: मंदिर जा रही 75 वर्षीय बुजुर्ग पर जानलेवा हमला, हालत गंभीर – मालिक के खिलाफ केस दर्ज

स्थान: जाखन, देहरादून

देहरादून के शांत माने जाने वाले जाखन क्षेत्र में रविवार सुबह एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई, जब मंदिर जा रही एक 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला पर रॉटवीलर नस्ल के दो पालतू कुत्तों ने हमला कर दिया।
हमला इतना भयावह था कि कुत्तों ने महिला को लगभग आधे घंटे तक नोचते हुए घायल किया, जिससे वह गंभीर रूप से ज़ख्मी हो गईं। फिलहाल महिला की हालत बेहद नाज़ुक बनी हुई है।


क्या हुआ उस सुबह?

रविवार तड़के करीब सुबह 4 बजे, जाखन निवासी कौशल्या देवी (उम्र 75) रोज़ाना की तरह मंदिर जा रही थीं। लेकिन मोहम्मद जैद नामक व्यक्ति के घर के पास पहुंचते ही, घर के अंदर से निकले दो खतरनाक रॉटवीलर कुत्तों ने उन पर हमला बोल दिया।

  • कुत्ते लगातार 30 मिनट तक महिला को काटते रहे
  • लोगों ने काफी कोशिश की छुड़ाने की, लेकिन कुत्ते नहीं हटे
  • हाथ, कान पूरी तरह क्षतिग्रस्त, सिर, कमर, पीठ पर 10 से अधिक जगहों पर गहरे घाव

अस्पताल में भर्ती, हालत नाज़ुक

  • पहले दून अस्पताल ले जाया गया,
  • लेकिन हालत गंभीर होने पर किया गया महंत इंदिरेश अस्पताल रेफर
  • महिला अब भी गंभीर अवस्था में आईसीयू में भर्ती हैं

पुलिस में शिकायत, मालिक पर केस दर्ज

पीड़िता के बेटे उमंग निर्वाल की तहरीर पर राजपुर थाने में मोहम्मद जैद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

जांच में खुलासा:

  • मोहम्मद जैद का घर काफी समय से खाली है
  • घर में सिर्फ कुत्ते रहते हैं, जो खुले घूमते हैं
  • पूर्व में भी इन कुत्तों ने कई लोगों पर हमला किया है
  • स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई

स्थानीय नाराज, पूर्व पार्षद ने जताई नाराजगी

पूर्व पार्षद उर्मिला ढौंढियाल थापा ने इस घटना को प्रशासन की गंभीर लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा:

“यदि पहले शिकायतों पर ध्यान दिया गया होता, तो आज एक बुजुर्ग महिला जिंदगी और मौत से नहीं जूझ रही होती। अब सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”


बड़ा सवाल: कौन जिम्मेदार?

  • क्या लापरवाह पालतू मालिकों पर अब सख्त कानून लागू होंगे?
  • क्यों नहीं की गई समय पर कार्रवाई जब पहले ही हमले हो चुके थे?
  • क्या देहरादून जैसे शहरी इलाकों में खतरनाक नस्लों पर नियंत्रण के लिए प्रशासन कोई ठोस नीति बनाएगा?

निष्कर्ष:

यह घटना सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि सिस्टम की सुस्ती और संवेदनहीनता का नतीजा है। उत्तराखंड में बढ़ते शहरीकरण के साथ पालतू जानवरों के नियमों को लेकर एक सख्त और पारदर्शी नीति की सख्त जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *