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देहरादून में फर्जी कंपनी खोलकर नौकरी का झांसा: एसटीएफ जांच के बाद आरोपी पर मुकदमा दर्ज, पीड़ित युवक के नाम पर की गई धोखाधड़ी


तारीख: 22 जुलाई 2025 | स्थान: देहरादून


क्या है मामला?

देहरादून में फर्जी कंपनी बनाकर नौकरी का झांसा देने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोपी राजस्थान निवासी नवीन बंसल पर आरोप है कि उसने बिहार के एक युवक को ऊंची सैलरी का लालच देकर उसके दस्तावेज हासिल किए और फिर उन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी फार्मा कंपनी खोल दी।


मामला कैसे खुला?

बिहार के डब्लू कुमार, मूल रूप से नालंदा जिले के सहोखर गांव के रहने वाले हैं और इस समय पटना के ठकुरवाड़ी रोड पर रहते हैं। उन्होंने एसटीएफ उत्तराखंड को एक शिकायत भेजी, जिसके आधार पर जांच की गई।


शिकायत की मुख्य बातें:

  • वर्ष 2020 में डब्लू कुमार महज़ 17 वर्ष की उम्र में भिवाड़ी (राजस्थान) में बल्ब होल्डर फैक्ट्री में काम करते थे।
  • नीलम चौक, भिवाड़ी पर उन्हें नवीन बंसल मिला, जिसने खुद को गुरुग्राम की फार्मा कंपनी का मालिक बताया।
  • आरोपी ने कुमार को अधिक वेतन का प्रलोभन देकर कहा कि गुरुग्राम चलो, नौकरी दूंगा।
  • कुमार ने जब गांव से लौटकर संपर्क किया, तो नवीन ने उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक सिम कार्ड मंगाया।
  • गुरुग्राम ले जाकर बैंक फॉर्म, स्टाम्प पेपर व चेकबुक पर हस्ताक्षर करवा लिए गए।
  • कुछ समय बाद कुमार को पता चला कि उसके नाम पर फर्जी फार्मा कंपनी खोल दी गई है।

फर्जीवाड़े का खुलासा कैसे हुआ?

जांच में सामने आया कि नवीन बंसल ने इस फर्जी कंपनी के नाम से देहरादून के सहसपुर में मौजूद फार्मा कंपनियों में दवाएं सप्लाई करवाईं और खुद अनुचित लाभ उठाया।


पुलिस की कार्रवाई:

  • सहसपुर थाना प्रभारी SSI विकास रावत के अनुसार नवीन बंसल के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और अनुचित लाभ उठाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
  • एसटीएफ की प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद सहसपुर थाने में केस दर्ज किया गया।
  • पुलिस अब आरोपी की गिरफ्तारी और उससे जुड़े नेटवर्क की जांच कर रही है।

कानूनी दृष्टिकोण से मामला गंभीर:

  • युवक के नाम पर फर्जी कंपनी खोलना न केवल आपराधिक धोखाधड़ी है, बल्कि यह आईटी एक्ट, बैंकिंग फ्रॉड, और पहचान पत्रों के दुरुपयोग के अंतर्गत भी संगीन अपराध है।
  • इस केस में डिजिटल साक्ष्य, बैंकिंग दस्तावेज और गवाहों की भूमिका अहम रहेगी।

क्या सीख मिलती है?

  • कभी भी किसी अजनबी को अपने आधार, पैन कार्ड, बैंक डिटेल्स या हस्ताक्षरयुक्त दस्तावेज न दें, चाहे वो नौकरी का कितना भी बड़ा वादा क्यों न करे।
  • साइबर क्राइम या फर्जीवाड़े की शिकायत तुरंत स्थानीय थाने या एसटीएफ में दर्ज कराएं।

यह मामला एक अहम चेतावनी है कि कैसे भोले-भाले युवकों को नौकरी का झांसा देकर आपराधिक गतिविधियों में फंसाया जा सकता है। पुलिस अब इस तरह के संगठित गिरोहों के खिलाफ भी निगरानी बढ़ा रही है।

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