उत्तराखंड – प्रदेश में शिक्षा और राष्ट्रभक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार शासकीय विद्यालयों के नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और बलिदानियों के नाम पर रखे जाने को मंजूरी दी है। इस निर्णय का उद्देश्य नई पीढ़ी को देशभक्तों के बलिदान और योगदान से अवगत कराना है।
बदले गए स्कूलों के नाम और सम्मानित व्यक्तित्व:
- राजकीय इंटर कॉलेज, चिपलघाट (पौड़ी गढ़वाल)
* अब होगा: बलिदानी श्री भगत सिंह रावत राजकीय इंटर कॉलेज
* शहीद भगत सिंह रावत की स्मृति में किया गया नामकरण - राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मैंद्रथ (चकराता, देहरादून)
* अब होगा: पंडित सैराम राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
* पंडित सैराम – क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी - राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पुण्डेरगांव (पौड़ी गढ़वाल)
* अब होगा: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कुंवर सिंह रावत राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
* कुंवर सिंह रावत – पौड़ी के प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी - राजकीय इंटर कॉलेज, डीडीहाट (पिथौरागढ़)
* अब होगा: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री माधों सिंह जंगपांगी जीआईसी डीडीहाट
* माधों सिंह जंगपांगी – सीमांत क्षेत्र के वीर स्वतंत्रता सेनानी
मुख्यमंत्री का उद्देश्य
मुख्यमंत्री धामी ने इस फैसले को “युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का एक माध्यम” बताया। उन्होंने कहा:
“हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और बलिदानियों ने जो त्याग किया, वह अमूल्य है। ऐसे व्यक्तित्वों के नाम पर स्कूलों का नामकरण कर हम उनके योगदान को सदा के लिए जीवित रखना चाहते हैं।”
शिक्षा से राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा
यह कदम सिर्फ नाम बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था में राष्ट्रप्रेम के भाव को भी मजबूती देगा। ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों के छात्र जब इन नामों से जुड़ेंगे, तो उनके मन में अपने देश और संस्कृति के लिए सम्मान और गर्व की भावना और अधिक प्रबल होगी।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड सरकार का यह फैसला न सिर्फ शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों को एक मजबूत नैतिक दिशा देने वाला कदम भी है।
ऐसी और प्रेरणादायक खबरों के लिए जुड़े रहिए हमारे पोर्टल से!