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सितंबर में होगा भाजपा सांसद-विधायकों का प्रशिक्षण वर्ग, संगठनात्मक पुनर्गठन पर मंथन तेज


मुख्यमंत्री आवास पर शिव प्रकाश, सीएम धामी और पार्टी नेतृत्व के बीच अहम बैठक, संगठन विस्तार और पंचायत चुनावों की समीक्षा

देहरादून, 26 जुलाई 2025 – भाजपा उत्तराखंड में संगठन को और अधिक प्रभावशाली व जमीनी स्तर से जुड़ा बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसी क्रम में सितंबर माह में प्रदेश के सांसदों और विधायकों के लिए विशेष प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार के बीच हुई अहम बैठक में लिया गया।

संगठनात्मक समीक्षाओं और आगामी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा

बैठक में पार्टी की प्रदेश संगठन इकाइयों की समीक्षा करते हुए निकट भविष्य में संगठनात्मक पुनर्गठन और विस्तार को लेकर गहन मंथन किया गया। जिला और प्रदेश स्तर पर भाजपा की सांगठनिक संरचना को और अधिक अनुशासित, सशक्त और जनसंपर्क केंद्रित बनाने पर विशेष बल दिया गया।

प्रशिक्षण वर्ग से पार्टी नेतृत्व को मिलेंगे सशक्त प्रतिनिधि

सितंबर में होने वाले सांसदों और विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग में नीतिगत विषयों, पार्टी की विचारधारा, सार्वजनिक संवाद और संगठनात्मक अनुशासन जैसे मुद्दों पर विस्तार से सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य जनप्रतिनिधियों को संगठनात्मक और प्रशासनिक रूप से और अधिक दक्ष बनाना है।

पंचायत चुनाव की समीक्षा और चुनावी रणनीति पर जोर

बैठक में वर्तमान में जारी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की समीक्षा भी की गई। प्रथम चरण की प्रगति के आधार पर द्वितीय चरण की रणनीति और जनसंपर्क अभियानों की गति बढ़ाने की योजना बनाई गई। शिव प्रकाश ने कार्यकर्ताओं की भूमिका को और अधिक सक्रिय करने की आवश्यकता पर बल दिया।

सीएम धामी ने सरकार की योजनाओं की जानकारी दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के दौरान राज्य सरकार द्वारा चल रही जनकल्याणकारी योजनाओं और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार किस तरह से जनता की जरूरतों के अनुरूप योजनाओं को जमीन पर उतार रही है। शिव प्रकाश ने धामी सरकार के नेतृत्व में हो रहे कार्यों पर संतोष जताया और कहा कि यह विकास यात्रा संगठनात्मक शक्ति से और अधिक गति पकड़ेगी।


बैठक का फोकस रहा—संगठन को और अधिक मजबूत करना, कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाए रखना और जनहित के कार्यक्रमों को राजनीतिक शक्ति में बदलना।

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