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देहरादून: बांधों से पानी छोड़े जाने पर अब पूर्व चेतावनी अनिवार्य, अगस्त-सितंबर में होगी राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल


आपदा प्रबंधन सचिव ने दिए निर्देश, सिंचाई विभाग को बाढ़ प्रबंधन की समग्र कार्ययोजना तैयार करने का आदेश

देहरादून, 26 जुलाई 2025 – उत्तराखंड में संचालित जलविद्युत और सिंचाई परियोजनाओं से पानी छोड़े जाने की प्रक्रिया अब और सजग और समन्वित ढंग से की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने निर्देश दिए हैं कि जब भी बांधों से पानी छोड़ा जाएगा, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) और संबंधित जिला प्रशासन को इसकी पूर्व सूचना अनिवार्य रूप से दी जाए, ताकि संभावित बाढ़ से पहले आमजन को अलर्ट किया जा सके।


बांध से छोड़े गए पानी का प्रभाव और समय की होगी पूर्व जानकारी

सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में जलविद्युत परियोजनाओं, सिंचाई विभाग, यूजेवीएनएल, और केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि:

  • पानी छोड़े जाने की सटीक मात्रा और समय की जानकारी दी जाए।
  • यह भी बताया जाए कि किन क्षेत्रों में कब तक और कितना प्रभाव पड़ेगा।

इससे पहले चेतावनी देकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारी की जा सकेगी।


रियल टाइम डेटा शेयरिंग और सेंसर सिस्टम को एक्टिव रखने के निर्देश

सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि बांध परियोजनाओं में जल स्तर मापने वाले सेंसर से प्राप्त डेटा को API के माध्यम से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ साझा किया जाए।
इससे राज्य स्तर पर रियल टाइम निगरानी सुनिश्चित होगी और आपात स्थितियों में तेजी से निर्णय लिए जा सकेंगे।


आपातकालीन कार्ययोजना और SOP होंगे अनिवार्य

सभी एजेंसियों को निर्देश दिए गए कि:

  • अपनी परियोजनाओं के लिए आपातकालीन कार्ययोजना और मानक प्रचालन प्रक्रियाएं (SOP) तैयार करें।
  • इन दस्तावेजों को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ साझा करें और संस्थाओं की वेबसाइटों पर सार्वजनिक करें।

अगस्त-सितंबर में होगी राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल

निर्णय लिया गया है कि अगस्त और सितंबर माह में सभी प्रमुख बांध परियोजनाओं के मद्देनजर राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
इस अभ्यास का उद्देश्य होगा:

  • आपदा की स्थिति में तैयारियों को परखना।
  • विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन करना।

सिंचाई विभाग को मिली समग्र बाढ़ प्रबंधन योजना बनाने की जिम्मेदारी

सचिव ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे:

  • एक समग्र बाढ़ प्रबंधन योजना तैयार करें।
  • इसमें केंद्र सरकार द्वारा जारी SOP और आपदा प्रबंधन विभाग के शासनादेशों को शामिल करें।

सभी एजेंसियों को नोडल अधिकारी नामित करने का आदेश

हर विभाग और परियोजना से एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा गया है, जो आपदा की स्थिति में सूचनाओं के आदान-प्रदान और समन्वय की जिम्मेदारी निभाएंगे।


बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी

इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी, सिंचाई विभाग, मौसम विभाग और विभिन्न बांध परियोजनाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।


सरकार का यह कदम मानसून सीजन में संभावित बाढ़ और जलप्रलय जैसी आपदाओं से निपटने की दिशा में एक ठोस तैयारी मानी जा रही है।

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