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Haridwar Mansa Devi Stampede: अफवाह बनी भगदड़ की वजह, मंदिर में मची अफरा-तफरी; हेल्पलाइन नंबर जारी

हरिद्वार | 27 जुलाई 2025


रविवार को हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में भक्ति का सैलाब उस वक्त डर में बदल गया जब भारी भीड़ के बीच अफवाह ने माहौल को दहशत में बदल दिया। मंदिर परिसर में अचानक मची भगदड़ से चीख-पुकार मच गई।

प्रशासन ने घटना को “अफवाह जनित भगदड़” करार देते हुए स्थिति नियंत्रण में होने की बात कही है, जबकि मौके पर मौजूद ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने करंट फैलने या तार टूटने की आशंकाओं को सिरे से खारिज किया है।


क्या हुआ उस दिन?

  • रविवार सुबह से ही श्रावण मास के चलते मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी।
  • दोपहर के करीब अचानक “तार टूटने और करंट फैलने” की अफवाह फैल गई।
  • यह सुनते ही लोग जान बचाने के लिए भागने लगे, जिससे धक्का-मुक्की और भगदड़ की स्थिति बन गई।
  • अफरा-तफरी में कुछ लोग गिर पड़े और घायल हो गए

ऊर्जा निगम ने किया अफवाह का खंडन

घटनास्थल पर पहुंचे ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता प्रदीप चौधरी ने स्पष्ट किया कि:

“कहीं भी कोई तार नहीं टूटा और न ही करंट फैलने की बात सच है। यह पूरी तरह अफवाह का असर था।”


सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घायलों से की मुलाकात

हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत तुरंत हरकत में आए और एम्स ऋषिकेश पहुंचकर हादसे में घायल श्रद्धालुओं का हाल जाना।
उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि:

“इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए और हर घायल को बेहतर से बेहतर उपचार मिले।”


प्रशासन ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर्स

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने घटना की सूचना के लिए हेल्पलाइन नंबर्स जारी किए हैं। इन नंबरों पर मृतकों और घायलों की जानकारी ली जा सकती है:

जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र, हरिद्वार:

  • 01334-223999
  • 9068197350
  • 9528250926

राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र, देहरादून:

  • 0135-2710334, 2710335
  • 8218867005
  • 9058441404

प्रशासन के सामने अब सवाल

  • भारी भीड़ के लिए कोई अतिरिक्त सुरक्षा और नियंत्रण व्यवस्था क्यों नहीं थी?
  • अफवाह पर काबू पाने की कोई त्वरित सूचना प्रणाली क्यों नहीं सक्रिय हुई?
  • क्या मंदिर परिसर में भीड़ नियंत्रण के लिए टेक्नोलॉजी या स्पीकर सिस्टम पर्याप्त नहीं था?

अगले कदम क्या हो सकते हैं?

  • मंदिर में सीसीटीवी निगरानी सिस्टम की मजबूती
  • श्रावण मास जैसे अवसरों पर संख्या नियंत्रित दर्शन व्यवस्था
  • अफवाह रोकने के लिए डिजिटल मैसेजिंग और माइक अनाउंसमेंट सिस्टम

श्रद्धालुओं की अपील:

“धार्मिक आस्था में भारी भीड़ जुटना स्वाभाविक है, लेकिन प्रशासन को हर हाल में ऐसी भीड़ का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करना चाहिए।”

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