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उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून होगा और सख़्त: मुख्यमंत्री धामी ने दिए विशेष एसआईटी गठित करने के निर्देश

देहरादून, 27 जुलाई 2025

उत्तराखंड सरकार अब प्रदेश में धर्मांतरण की साजिशों पर पूरी तरह शिकंजा कसने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक कर साफ संकेत दिए कि राज्य सरकार धर्मांतरण कानून को और अधिक कठोर बनाएगी और इसके लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया जाएगा।

सीमांत प्रदेश में डेमोग्राफिक बदलाव पर सख्ती

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड केवल एक सीमांत प्रदेश ही नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की पावन भूमि भी है। ऐसे में राज्य में डेमोग्राफिक परिवर्तन की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए कि धर्मांतरण से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाए और तत्काल कार्रवाई की जाए।

‘ऑपरेशन कालनेमी’ का विस्तार

मुख्यमंत्री ने बताया कि धर्मांतरण रोकने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन कालनेमी को अब और प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा। इस अभियान ने पहले ही कई संदिग्ध नेटवर्क को उजागर किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धर्मांतरण के मामलों की जांच और निगरानी के लिए राज्य स्तरीय एसआईटी गठित की जाएगी, जो सीधे पुलिस मुख्यालय से संचालित होगी।

धर्मांतरण पीड़ितों को मिलेगा परामर्श

मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि जो लोग धर्मांतरण कराने वाले नेटवर्क के जाल में फंस चुके हैं, उन्हें पुनर्वास, परामर्श और मार्गदर्शन दिया जाएगा ताकि वे अपनी धार्मिक पहचान को समझ सकें और दबाव में कोई निर्णय न लें।


मुख्य बिंदु:

  • धर्मांतरण कानून होगा और सख्त
  • पुलिस मुख्यालय स्तर पर एसआईटी का गठन
  • ऑपरेशन कालनेमी को मिलेगा विस्तार
  • पीड़ितों को मिलेगा काउंसलिंग और पुनर्वास
  • मुख्यमंत्री: “सनातन परंपरा की रक्षा के लिए कोई कोताही नहीं होगी”

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