उत्तराखंड मौसम अपडेट | 6 अगस्त 2025
पौड़ी गढ़वाल जनपद में बुधवार को दिनभर हुई मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। पश्चिमी नयार नदी के उफान पर आने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग-121 पर बना कलगड़ी पुल भरभराकर ढह गया, जिससे थलीसैंण और पाबौ ब्लॉकों के दर्जनों गांव मुख्यालय से पूरी तरह कट गए हैं।
केवल एक पुल… और वो भी बह गया
ग्रामीणों के अनुसार कलगड़ी का यह पुल इन दोनों विकासखंडों को जिला मुख्यालय पौड़ी से जोड़ने का एकमात्र संपर्क मार्ग था। इसके ढह जाने से आम लोगों की आवाजाही, आपात सेवाएं और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है।
परिवहन और संचार दोनों पर असर
- बुआखाल-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 121 अब बाधित हो चुका है।
- सैंजी ग्राम सभा के कोठला गांव में पेयजल लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।
- बिजली आपूर्ति ठप, मोबाइल नेटवर्क बंद – पूरा क्षेत्र संचार से लगभग कट गया है।
कई घरों पर खतरे के बादल, लोग स्कूल में शिफ्ट
पाबौ ब्लॉक के कलुण और खातस्यूं पट्टी के क्यार्द गांव में भारी बारिश के चलते कई आवासीय भवनों पर भू-स्खलन का खतरा मंडरा रहा है।
- क्यार्द गांव के प्रभावितों को एहतियातन प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया गया है।
- प्रशासन की टीमें इलाके में पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सड़क मार्ग बाधित होने के कारण राहत पहुंचाना कठिन हो गया है।
स्थानीय निवासियों की चिंता और प्रशासन से अपील
क्षेत्रवासी और सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र नौटियाल और संजय नौटियाल ने बताया कि:
“कलगड़ी पुल लंबे समय से क्षतिग्रस्त था, इसकी मरम्मत की मांग पहले से उठती रही है। अब जब वह पूरी तरह ढह गया है, तो सैकड़ों लोगों का जीवन संकट में पड़ गया है। प्रशासन को जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।”
अब आगे क्या?
- लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा नुकसान का आकलन शुरू कर दिया गया है।
- पुल की अस्थायी मरम्मत या वैकल्पिक मार्ग बनाने पर विचार किया जा रहा है।
- राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष पौड़ी और देहरादून से स्थिति की निगरानी कर रहा है।
लंबे समय तक राहत की उम्मीद नहीं?
स्थानीय भूगोल और मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक बारिश की चेतावनी है। ऐसे में स्थानीय लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
तस्वीरों में तबाही की झलक
- कलगड़ी पुल के मलबे में तब्दील होने की लाइव तस्वीरें
- उफनती नयार नदी का भयावह दृश्य
- राहत कैंप में शरण लिए ग्रामीण परिवार


