तारीख: 8 अगस्त 2025 | स्थान: देहरादून
देहरादून के कांवली इलाके में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक किराएदार ने अपने ही मकान मालिक की जमीन के जाली दस्तावेज तैयार कर उसे 85 लाख रुपये में बेच दिया। बसंत विहार थाना पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
घटना का खुलासा इस तरह हुआ
रेसकोर्स निवासी सुनील कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कांवली में किराए पर रह रहा अंकुर कुमार (मूल निवासी अव्वलपुर, जिला अमरोहा, यूपी) लंबे समय से राणावत मोटर्स नाम से वर्कशॉप चला रहा था। सुनील अपनी कार की सर्विस कराने अक्सर वहां जाते थे, जहां दोनों के बीच जान-पहचान हो गई।
कुछ समय बाद सुनील ने जमीन खरीदने की इच्छा जताई। इस पर अंकुर ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वर्कशॉप की जमीन का मालिक इसे बेचना चाहता है। सौदा 85 लाख रुपये में तय हुआ, जिसमें 11 लाख रुपये टोकन मनी के रूप में अंकुर के खाते में ट्रांसफर किए गए। बाकी 74 लाख रुपये अंकुर द्वारा दिए गए “भूमि मालिक” के बैंक खाते में भेजने की बात कही गई, लेकिन बाद में जांच में पता चला कि वह खाता भी अंकुर का ही था।
जाली दस्तावेज और रजिस्ट्री का खेल
अंकुर ने जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और सुनील के नाम पर नकली रजिस्ट्री कर दी। कुछ दिन बाद जब सुनील असली कागजात लेने पहुंचे तो वर्कशॉप बंद मिला। घर जाकर पता चला कि अंकुर फरार हो चुका है।
शक होने पर सुनील ने असली जमीन मालिक से संपर्क किया, तो उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने कभी अपनी जमीन बेची ही नहीं और उनके खाते में कोई रकम भी नहीं आई।
पुलिस जांच में खुलासा
प्रभारी निरीक्षक प्रदीप रावत के अनुसार, जांच में साफ हुआ कि अंकुर ने जमीन मालिक के नाम से फर्जी दस्तावेज बनवाकर रकम अपने ही खाते में डलवाई। पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। जल्द ही गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
यह मामला देहरादून में संपत्ति खरीद-बिक्री के दौरान सतर्क रहने और दस्तावेजों की पूरी तरह जांच करने की सख्त जरूरत को दर्शाता है।