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E20 फ्यूल को लेकर अफवाहें बेबुनियाद: पेट्रोलियम मंत्रालय ने दी सफाई, बताया—बेहतर परफॉर्मेंस, कम प्रदूषण और किसानों को फायदा

नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025
सोशल मीडिया पर 20% इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल (E20) को लेकर फैल रही गलत जानकारियों के बीच पेट्रोलियम मंत्रालय ने साफ किया है कि इस फ्यूल से गाड़ियों की माइलेज में “भारी गिरावट” जैसी बातें पूरी तरह गलत हैं। मंत्रालय का कहना है कि माइलेज में केवल मामूली कमी आ सकती है, लेकिन यह ईंधन बेहतर एक्सीलरेशन देता है और इंजन परफॉर्मेंस को भी सुधारता है।

क्या है E20 फ्यूल?

E20 पेट्रोल में 20% इथेनॉल और 80% पारंपरिक पेट्रोल होता है। इथेनॉल गन्ना, मक्का जैसे कृषि उत्पादों से तैयार किया जाता है। सरकार के इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य है—

  • कार्बन उत्सर्जन कम करना
  • किसानों की आमदनी बढ़ाना
  • विदेशी मुद्रा की बचत करना

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गन्ना-आधारित इथेनॉल से 65% और मक्का-आधारित इथेनॉल से 50% तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटता है। पिछले 11 वर्षों में इथेनॉल-मिश्रण से 1.44 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाई गई, 245 लाख टन कच्चा तेल आयात टाला गया और 736 लाख टन CO₂ उत्सर्जन कम हुआ—जो 30 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

माइलेज पर असर कितना?

मंत्रालय के मुताबिक—

  • E10 के लिए बनी और E20 पर एडजस्ट की गई चार-पहिया गाड़ियों में 1-2% माइलेज कमी
  • बाकी गाड़ियों में 3-6% माइलेज कमी
    —लेकिन “ड्रास्टिक फॉल” का दावा गलत है।
    साथ ही, माइलेज केवल फ्यूल टाइप पर नहीं, बल्कि ड्राइविंग स्टाइल, टायर प्रेशर, मेंटेनेंस और एसी इस्तेमाल जैसे कारकों पर भी निर्भर करता है।

सोशल मीडिया पर क्या अफवाहें फैलाई जा रही हैं?

कुछ पोस्ट में दावा किया गया कि E20 से इंश्योरेंस कंपनियां गाड़ी के नुकसान का खर्च नहीं उठाएंगी। मंत्रालय ने इसे झूठा बताया और कहा कि एक इंश्योरेंस कंपनी के ट्वीट को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। E20 के इस्तेमाल का गाड़ियों के इंश्योरेंस पर कोई असर नहीं होता।

तकनीकी फायदे

  • E20 का ऑक्टेन नंबर 108.5, जबकि सामान्य पेट्रोल का 84.4 है—इससे इंजन की नॉकिंग कम होती है और पावर डिलीवरी बेहतर होती है।
  • शहर में ड्राइविंग के दौरान एक्सीलरेशन स्मूथ और तेज़ होता है।
  • BS-VI मानकों के तहत पेट्रोल का RON 91 है, E20 मिलाने पर यह 95 तक बढ़ जाता है।

कीमत क्यों ज्यादा है?

2020-21 में इथेनॉल पेट्रोल से सस्ता था, लेकिन अब इथेनॉल की औसत खरीद कीमत पेट्रोल से अधिक है—

  • गन्ना-आधारित इथेनॉल: ₹71.32 प्रति लीटर (ट्रांसपोर्ट और GST सहित)
  • मक्का-आधारित इथेनॉल: ₹71.86 प्रति लीटर

किसानों और अर्थव्यवस्था को लाभ

इस साल 20% ब्लेंडिंग के साथ किसानों को लगभग ₹40,000 करोड़ का भुगतान होगा और देश को ₹43,000 करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

वाहन मालिकों के लिए सहायता

अगर किसी वाहन को E20 के लिए ट्यूनिंग या पार्ट बदलने की आवश्यकता है, तो अधिकृत सर्विस सेंटर मदद के लिए उपलब्ध हैं।

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