BREAKING

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक: अग्निवीरों को संविदा पदों पर आरक्षण, धर्मांतरण कानून और सख्त, 26 अहम फैसलों पर लगी मुहर

देहरादून, 13 अगस्त 2025 – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में कई बड़े और दूरगामी निर्णय लिए गए। बैठक में कुल 26 प्रस्ताव पास किए गए, जिनमें अग्निवीरों के लिए संविदा पदों पर आरक्षण और धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाने जैसे अहम मुद्दे शामिल रहे।

अग्निवीरों को मिलेगा 10% क्षैतिज आरक्षण

राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सेवाकाल पूरा करने वाले अग्निवीरों को समूह ‘ग’ के वर्दीधारी पदों की सीधी भर्ती में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण केवल उत्तराखंड के मूल निवासी या स्थायी निवासी अग्निवीरों को मिलेगा।
इन पदों में शामिल हैं –

  • अग्निशमन एवं नागरिक पुलिस (कांस्टेबल/उपनिरीक्षक)
  • कारागार पुलिस सेवा (बंदी रक्षक)
  • वन विभाग (वन रक्षक)
  • राजस्व पुलिस (पटवारी)
  • आबकारी विभाग (पुलिस बल)
  • परिवहन विभाग (पर्वर्तन दल)

सूत्रों के अनुसार, अगले वर्ष रिटायर होने वाले अग्निवीरों के लिए 850 पद आरक्षित रखे जाएंगे।

धर्मांतरण कानून में सख्ती

धर्मांतरण रोकथाम कानून में संशोधन कर सजा की अधिकतम अवधि 10 वर्ष से बढ़ाकर 14 वर्ष कर दी गई है। विशेष परिस्थितियों में यह सजा 20 वर्ष तक हो सकती है।
जुर्माना राशि भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे गैरकानूनी धर्मांतरण के मामलों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

कैबिनेट के अन्य प्रमुख निर्णय

  • लखवाड़ जल विद्युत परियोजना प्रभावितों को नैनबाग सर्किल रेट पर मुआवजा।
  • राजकीय औद्योगिक आस्थानों में भूमि आवंटन व किराया संबंधी नियमों में संशोधन।
  • उत्तराखंड उच्चतर न्यायिक सेवा (संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी।
  • पशुपालन विभाग सांख्यिकीय सेवा नियमावली 2025 का प्राख्यापन।
  • विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार (STI) नीति 2025 को हरी झंडी।
  • नगर निकाय OBC सर्वेक्षण के लिए पूर्व हाईकोर्ट जज बीएस वर्मा की अध्यक्षता में आयोग का गठन।
  • बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिर प्रशासन में उपाध्यक्ष का अतिरिक्त पद सृजित।
  • पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक 2025 को पुनः विधानसभा में प्रस्तुत करने की मंजूरी।

बैठक के फैसलों से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार एक तरफ युवाओं, खासकर सेना से लौटे अग्निवीरों को अवसर दे रही है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग पर सख्त रुख अपनाने को तैयार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *