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बर्ड फ्लू अलर्ट: यूपी में वायरस की पुष्टि, देहरादून में बढ़ी चिंता; रोजाना पांच लाख से ज्यादा अंडों की खपत

देहरादून, 13 अगस्त 2025 – पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू (एच-5एन-1 एवियन इन्फ्लुएंजा) के मामलों की पुष्टि के बाद देहरादून में सतर्कता बढ़ा दी गई है। खास चिंता इसलिए है क्योंकि शहर में मुर्गे और अंडों की अधिकतर आपूर्ति यूपी के जिलों से होती है, और यहां खुद का कोई स्लॉटर हाउस न होने के कारण पोल्ट्री उत्पादों के लिए बाहरी राज्यों पर पूरी निर्भरता है।

रामपुर में मिला बर्ड फ्लू वायरस, ऊधमसिंह नगर ने रोक लगाई

उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले से सटे रामपुर (उत्तर प्रदेश) में पोल्ट्री में एच-5एन-1 वायरस की पुष्टि हुई है। एहतियात के तौर पर ऊधमसिंह नगर प्रशासन ने मंगलवार को मुर्गों और अंडों की आवक पर रोक लगा दी है। इससे देहरादून के लिए भी खतरा बढ़ गया है क्योंकि यहां की बड़ी पोल्ट्री सप्लाई चेन यूपी से जुड़ी हुई है।

देहरादून की पोल्ट्री खपत का पैमाना

  • शहर में रोजाना 5 लाख से 8 लाख अंडों की खपत होती है।
  • अंडा कारोबार से जुड़े 8 बड़े ट्रेडर हर दिन हजारों ट्रे अंडे वितरित करते हैं।
  • सामान्य दिनों में एक ट्रेडर रोजाना लगभग 2000 ट्रे अंडे मंगाता है, जबकि सावन के बाद और सर्दियों में यह मांग 3000 ट्रे से ऊपर पहुंच जाती है।
  • मुर्गों की आपूर्ति और प्रसंस्करण पूरी तरह बाहरी जिलों से होता है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

प्रशासन के निर्देश और सतर्कता

ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि:

  • पोल्ट्री फार्मों की निरंतर सैंपलिंग की जाए।
  • मृत या बीमार पक्षियों की सूचना तुरंत पशु चिकित्साधिकारी को दी जाए।
  • पोल्ट्री एसोसिएशन और व्यापारियों को किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत प्रशासन को सूचना देनी होगी।

स्वास्थ्य खतरा और सावधानियां

विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड फ्लू न केवल पक्षियों में घातक है बल्कि इंसानों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। संक्रमित पोल्ट्री के संपर्क, अपर्याप्त पका मांस या अंडे, और संक्रमित सतहों से संक्रमण फैल सकता है। इसलिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

देहरादून प्रशासन अब यूपी से पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर निगरानी कड़ी कर रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह पकाकर ही सेवन करें और किसी भी बीमार या मृत पक्षी की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।

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