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“वोट चोरी” बयान पर चुनाव आयोग की सख्त चेतावनी: सबूत दें या आरोप वापस लें, मतदाताओं व चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर हमला बताया

तारीख: 14 अगस्त 2025
स्थान: नई दिल्ली

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्षी दलों के “वोट चोर” जैसे बयानों पर चुनाव आयोग ने गुरुवार को तीखी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि किसी के पास किसी व्यक्ति के दो बार मतदान करने का पुख्ता सबूत है, तो उसे लिखित हलफनामे के साथ पेश किया जाए, अन्यथा इस तरह की भाषा का इस्तेमाल बंद किया जाए।

चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा, “मतदाताओं के लिए ‘वोट चोर’ जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल न केवल एक झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश है, बल्कि यह देश के करोड़ों मतदाताओं और लाखों चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर सीधा हमला है।” आयोग का कहना है कि इस तरह की बयानबाजी लोकतांत्रिक प्रक्रिया और चुनावी संस्थानों की साख को नुकसान पहुंचाती है।

पहले से मौजूद है ‘एक व्यक्ति-एक वोट’ कानून
विपक्ष द्वारा ‘एक व्यक्ति-एक वोट’ की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए आयोग ने स्पष्ट किया कि 1951-52 में हुए पहले आम चुनाव से ही यह कानून अस्तित्व में है और इसका प्रभावी पालन किया जा रहा है। आयोग ने इस दावे को पूरी तरह गलत बताया कि वर्तमान चुनावी प्रक्रिया में यह सिद्धांत लागू नहीं होता।

राहुल गांधी से कई बार मांगे गए सबूत
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब आयोग ने राहुल गांधी से मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों के सबूत मांगे हों। इससे पहले भी कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों की ओर से उन्हें नोटिस जारी किया गया था, लेकिन अब तक कांग्रेस नेता की ओर से कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं किया गया है।

चुनाव आयोग ने विपक्ष को चेताया है कि बिना सबूत लगाए गए गंभीर आरोप न केवल लोकतंत्र को कमजोर करते हैं बल्कि चुनावी प्रक्रिया पर जनता के भरोसे को भी चोट पहुंचाते हैं।

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