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स्वतंत्रता दिवस पर उत्तराखंड पुलिस के 143 जांबाजों को मिलेगा सम्मान, 16 होंगे मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित

देहरादून, 15 अगस्त 2025 – उत्तराखंड पुलिस के लिए इस बार का स्वतंत्रता दिवस गर्व और सम्मान का क्षण लेकर आया है। प्रदेश के 143 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी आज स्वतंत्रता दिवस समारोह में विभिन्न श्रेणियों के पदक और सम्मान प्राप्त करेंगे। इनमें से 16 जांबाजों को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक प्रदान किया जाएगा, जबकि शेष अधिकारियों और कर्मचारियों को डीजीपी डिस्क गोल्ड और सिल्वर से नवाजा जाएगा।

सम्मान के लिए कड़ा चयन
डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि चयन प्रक्रिया को बेहद पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से अंजाम दिया गया। इसके लिए पहले जिला स्तर, फिर रेंज स्तर और अंत में पुलिस मुख्यालय स्तर पर समितियां गठित की गईं। पुलिस के सभी विंग और इकाइयों से नामांकन लिए गए, जिनमें सेवा की अवधि, विशिष्ट कार्य और कर्तव्यनिष्ठा को प्रमुख आधार बनाया गया।

मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक
इन 16 में से 7 पुलिसकर्मी सेवा के आधार पर और 9 विशिष्ट कार्य के लिए यह सम्मान पाएंगे। इनमें इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल से लेकर रिक्रूट कांस्टेबल तक शामिल हैं। नामों में श्वेता चौबे, यागेश चंद्र, विपिन चंद्र पाठक, नरेंद्र सिंह बिष्ट और शेखर चंद्र सुयाल जैसे अधिकारी प्रमुख हैं।

डीजीपी डिस्क गोल्ड और सिल्वर
डीजीपी डिस्क गोल्ड सेवा के आधार पर 13 अधिकारियों-कर्मचारियों को और विशिष्ट कार्य के लिए 17 को मिलेगा। इसी तरह, डीजीपी डिस्क सिल्वर सेवा के आधार पर 25 और विशिष्ट कार्य के लिए 53 कर्मियों को दिया जाएगा। इन सम्मानितों में पुलिस के अलावा फायर सर्विस, एसडीआरएफ, पीएसी, सीआईडी, इंटेलिजेंस, एएनटीएफ और खेलों में राज्य का नाम रोशन करने वाले पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

खेलों में उपलब्धि हासिल करने वाले भी सम्मानित
38वें राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतकर उत्तराखंड का मान बढ़ाने वाले पुलिस खिलाड़ियों को भी आज सम्मानित किया जाएगा। इनमें लाल सिंह, ममता खाती, मंजू गोस्वामी और नितेश सिंह को डीजीपी डिस्क गोल्ड, जबकि शेर सिंह बोहरा, शैलेंद्र, विरेंद्र पांडेय, लवीश कुंवर, शुभम और ज्योति वर्मा को डीजीपी डिस्क सिल्वर से सम्मानित किया जाएगा।

गर्व का पल
स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर सम्मानित होने वाले सभी कर्मियों के चेहरे पर गर्व और संतोष की झलक है। यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण की पहचान है, बल्कि पूरे उत्तराखंड पुलिस बल के अदम्य साहस और कर्तव्यपरायणता का प्रमाण भी है।

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