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79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति भवन में ‘एट होम’ कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मोदी सहित देश-विदेश के गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी

नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 – 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार शाम राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक ‘एट होम’ कार्यक्रम की मेजबानी की। इस औपचारिक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य, तीनों सेनाओं के प्रमुख, विदेशों के राजदूत और कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

सुबह की शुरुआत वीर शहीदों को नमन से
दिन की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली में जाकर स्वतंत्र भारत के सशस्त्र संघर्षों में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की। भारी बारिश के बावजूद, राष्ट्रपति के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी मार्च करते हुए स्मारक पहुंचे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी इस अवसर पर मौजूद थे।

प्रधानमंत्री का 12वां लालकिला संबोधन
इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में ‘आत्मनिर्भर भारत’ को ‘विकसित भारत’ की नींव बताते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता की सोच रक्षा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा, कृषि, खनन और अन्य सभी क्षेत्रों में फैल रही है।
प्रधानमंत्री ने चेताया कि अत्यधिक निर्भरता किसी भी राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए खतरा है, इसलिए हर नागरिक को सतर्क और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य करना चाहिए।

‘मिशन सुदर्शन चक्र’ की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में रक्षा क्षेत्र में ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ की शुरुआत की घोषणा की। भगवान श्रीकृष्ण के पौराणिक अस्त्र से प्रेरित यह मिशन भारत की आक्रामक और रक्षात्मक क्षमताओं को और मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य संभावित खतरों को समय रहते निष्क्रिय करना और भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ाना है। पीएम ने लक्ष्य रखा कि 2035 तक राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार, आधुनिकीकरण और सशक्तिकरण किया जाएगा।

‘एट होम’ कार्यक्रम में देश-विदेश की भागीदारी
शाम को राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘एट होम’ कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूत, सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी, राजनीतिक नेता और अन्य विशेष अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान देश की विविधता, संस्कृति और सैन्य सम्मान की झलक देखने को मिली।

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