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Uttarakhand: बारिश और आपदाओं के बीच गैरसैंण पहुंची धामी सरकार, चार दिवसीय मानसून सत्र आज से शुरू

गैरसैंण (चमोली), 19 अगस्त 2025 – पहाड़ जैसी चुनौतियों और लगातार हो रही बारिश के बीच धामी सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र आयोजित करने का फैसला किया। तमाम असुविधाओं और आपदा की स्थितियों के बावजूद सरकार अपने निर्णय पर अडिग रही।


बरसात और आपदा के बीच पहुंची सरकार

भारी बारिश और आपदा की आशंकाओं ने गैरसैंण सत्र पर सवाल खड़े किए थे। अफसरशाही से लेकर कई विधायक तक असहज महसूस कर रहे थे और चाहते थे कि सत्र देहरादून में ही हो। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि गैरसैंण में ही सत्र होगा। सोमवार सुबह मंत्री, विधायक, अफसर और कर्मचारी भूस्खलन और बारिश से जूझते हुए गैरसैंण पहुंचे।


बजट सत्र न होने पर विपक्ष के उठे थे सवाल

फरवरी 2025 में बजट सत्र देहरादून में आयोजित किया गया था, जिस पर विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की अनदेखी कर रही है। उस समय विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने स्पष्ट किया था कि भराड़ीसैंण विधानसभा में ई-नेवा परियोजना के तहत डिजिटाइजेशन और साउंड सिस्टम का काम चल रहा था, इसलिए बजट सत्र गैरसैंण में संभव नहीं था।


लगातार बारिश से तबाही, फिर भी अडिग रही सरकार

सरकार को उम्मीद थी कि 15 अगस्त के बाद मानसून कमजोर पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल, पौड़ी जिले के सैंजी समेत कई इलाकों में आपदाओं ने तबाही मचाई। इसके बावजूद सरकार ने गैरसैंण में सत्र कराने के फैसले को नहीं बदला।


260 किलोमीटर का कठिन सफर

देहरादून से गैरसैंण की दूरी लगभग 260 किलोमीटर है। रास्ते में जगह-जगह भूस्खलन और गदेरों में बाढ़ जैसी स्थिति थी। इसके बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत अन्य मंत्री और विधायक भराड़ीसैंण पहुंच गए। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी एक दिन पहले ही गैरसैंण पहुंच चुकी थीं।


मौसम खुला तो मिली राहत

सोमवार दोपहर बाद गैरसैंण में मौसम खुलने से थोड़ी राहत मिली। तेज धूप खिलने से यात्रा कर रहे अफसरों और कर्मचारियों को सुविधा हुई। हालांकि भराड़ीसैंण में ठंडी हवाएं और धुंध अब भी बनी हुई हैं।

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