नई दिल्ली, 19 अगस्त 2025 – भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का संदेश और सितंबर में चीन के तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन का आधिकारिक निमंत्रण सौंपा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, पीएम मोदी ने मुलाकात में सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत सीमा विवाद के निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई। पिछले साल कजान (रूस) में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंध आपसी हितों और संवेदनशीलताओं के सम्मान के साथ निरंतर प्रगति कर रहे हैं। मैं तियानजिन में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन के दौरान हमारी अगली मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं। स्थिर और रचनात्मक भारत-चीन संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व समृद्धि में अहम योगदान देंगे।”
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डोभाल-वांग यी की वार्ता
भारत यात्रा पर आए वांग यी ने 18-19 अगस्त को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के निमंत्रण पर 24वीं विशेष प्रतिनिधि (Special Representative) स्तर की बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में सीमा से जुड़े मुद्दों, तनाव कम करने और सीमा निर्धारण से जुड़े पहलुओं पर चर्चा हुई।
चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, वांग यी और अजीत डोभाल के बीच हुई वार्ता व्यापक और गहन रही। वांग यी ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की कजान में हुई बैठक के दौरान बनी सहमति ने भारत-चीन संबंधों को बेहतर दिशा दी है और सीमा मसले को सही ढंग से संभालने की नींव रखी है।
जयशंकर-वांग यी की बैठक
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और वांग यी के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसमें साझा हितों से जुड़े द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। वांग यी ने कहा कि चीन और भारत दो प्रमुख पड़ोसी और विकासशील देश हैं, जिनके बीच साझा मूल्य और व्यापक हित हैं।
संबंधों में सुधार की दिशा
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने जोर दिया कि दोनों देशों के बीच सीमा की स्थिति धीरे-धीरे स्थिर हो रही है और संबंध एक सही व विकसित रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। वहीं, भारत की ओर से भी संदेश दिया गया कि सीमा विवाद का समाधान आपसी विश्वास और सम्मान के साथ ही संभव है।
यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब दोनों देशों के बीच रिश्तों में हाल के वर्षों में तनाव देखा गया था। अब तियानजिन में होने वाला SCO शिखर सम्मेलन दोनों नेताओं की अगली बैठक का अहम मंच बनने जा रहा है।