भराड़ीसैंण (उत्तराखंड), 20 अगस्त 2024 – धामी सरकार ने धर्मांतरण कानून को और कड़ा बनाने के लिए विधानसभा में नया संशोधन विधेयक पेश किया है। अब डिजिटल माध्यम से धर्म परिवर्तन कराने पर भी कानूनी कार्रवाई होगी।
विधानसभा में पेश हुआ संशोधन विधेयक
मंगलवार को भराड़ीसैंण में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध संशोधन विधेयक सदन में प्रस्तुत किया गया। इसके जरिए सरकार ने पूर्व के कानून को और अधिक सख्त बना दिया है।
इन परिस्थितियों में भी माना जाएगा अपराध
संशोधित कानून के तहत अब सिर्फ प्रत्यक्ष धर्मांतरण ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन, डिजिटल माध्यम, उपहार, पारितोषिक, आसान धन, भौतिक लाभ, विवाह का वचन या एक धर्म को दूसरे के विरुद्ध महिमामंडन करना भी अपराध की श्रेणी में आएगा।
बढ़ी सजा और जुर्माना
नए प्रावधानों के अनुसार, धर्मांतरण कराने वालों को अधिकतम 14 साल की सजा और आजीवन कारावास तक हो सकता है। पहले यह सजा अधिकतम 10 साल थी।
साथ ही जुर्माना भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर दिया गया है।
संपत्ति जब्त करने का अधिकार
विधेयक में यह भी प्रावधान है कि धर्मांतरण से जुड़ी अवैध कमाई और संपत्तियों को जिलाधिकारी कुर्क कर सकेंगे। इससे अपराधियों पर सीधे आर्थिक चोट की जाएगी।
पीड़ितों को मिलेगा विशेष संरक्षण
सरकार ने इस विधेयक में पीड़ितों की सुरक्षा और मदद पर भी जोर दिया है। पीड़ितों को कानूनी सहायता, रहने की जगह, भरण-पोषण, चिकित्सा और अन्य आवश्यक सुविधाएं दी जाएंगी।
साथ ही उनकी पहचान और नाम गुप्त रखे जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार एक विशेष योजना भी बनाएगी ताकि पीड़ितों को तुरंत मदद उपलब्ध कराई जा सके।
- यह संशोधन उत्तराखंड में धर्मांतरण पर रोक लगाने की दिशा में सरकार का अब तक का सबसे सख्त कदम माना जा रहा है।