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देहरादून में बंदरों का आतंक: महिलाओं पर झपटे, तीन लोग घायल

देहरादून, 20 अगस्त 2024 – राजधानी दून में जहाँ आवारा कुत्तों का खतरा पहले से लोगों को परेशान कर रहा है, वहीं अब उत्पाती बंदरों ने भी शहरवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है। सीमाद्वार वार्ड के इंद्रानगर इलाके में मंगलवार को बंदरों ने दो महिलाओं समेत तीन लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया।


मोहल्ले में दहशत, घरों से निकलने में डर

इलाके के लोग दहशत में हैं और बच्चों को अब घर के बाहर खेलने तक नहीं भेज पा रहे। बंदर दिनदहाड़े घरों में घुस आते हैं, फल-सब्जी लेकर लौट रही महिलाओं और बुजुर्गों पर झपट पड़ते हैं।
स्थानीय निवासी सरिता ठाकुर कहती हैं – “बंदर इतने निडर हो गए हैं कि अब दरवाजे-खिड़कियां बंद करके ही रहना पड़ रहा है।”


छत पर कपड़े सुखा रही महिला पर हमला

इंद्रानगर निवासी नीलम बडोला मंगलवार सुबह छत पर कपड़े सुखा रही थीं कि तभी बंदरों का झुंड वहां आ धमका। इससे पहले कि वह कुछ समझ पातीं, एक बंदर ने उन पर हमला कर दिया।
हमले से बचने की कोशिश में नीलम छत से फिसलकर गिर गईं और गंभीर रूप से चोटिल हो गईं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और रेबीज का टीका लगाया गया।


युवती और बुजुर्ग भी बने शिकार

इसी दिन मोहल्ले की युवती मनीषा और एक बुजुर्ग व्यक्ति पर भी बंदरों ने हमला कर दिया।
स्थानीय पार्षद विनोद रावत पर भी पहले बंदरों का झुंड झपट चुका है, जबकि पिछले महीने क्षेत्र की प्रभा कठैत नाम की महिला को बंदरों ने काट लिया था। लगातार हमलों से पूरे इलाके में भय का माहौल है।


पानी की टंकियों और घरों को नुकसान

क्षेत्रवासियों का कहना है कि बंदर अब छतों और बालकनियों में घुसकर पानी की टंकियों के ढक्कन तोड़ रहे हैं। कई बार रसोईघर और कमरों में भी घुसकर नुकसान पहुंचाते हैं। बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर लोग खासे चिंतित हैं।


लगाया गया पिंजरा निकला बेअसर

स्थानीय पार्षद की शिकायत पर वन विभाग ने पहले इलाके में एक पिंजरा लगाया था, लेकिन वह कारगर नहीं हुआ। अब बंदर पिंजरे के पास तक नहीं आते और खुलेआम उत्पात मचाते रहते हैं।
क्षेत्रवासी अब मांग कर रहे हैं कि बंदरों को पकड़कर दूरस्थ जंगलों में छोड़ा जाए।


वन विभाग और नगर निगम से कड़े कदम की मांग

लोगों ने वन विभाग और नगर निगम से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की है।
महापौर सौरभ थपलियाल ने बताया कि बंदरों की समस्या को लेकर वन विभाग से बातचीत हुई है और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा।
वहीं स्थानीय निवासी मोहन सिंह बिष्ट, पवन तलवार और अंकुर बहुगुणा का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो स्थिति और भयावह हो जाएगी।


  • फिलहाल इंद्रानगर क्षेत्र में लोग लगातार बंदरों के हमलों के डर में जी रहे हैं और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

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