देहरादून, 24 अगस्त 2025: राजधानी दून में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर बड़ा खेल कर दिखाया है। ओएनजीसी त्रिपुरा में तैनात जनरल मैनेजर संदीप कुमार, जो नेहरू कॉलोनी, देहरादून के निवासी हैं, से साइबर ठगों ने 7.39 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। आरोपियों ने उन्हें शेयर मार्केट में भारी मुनाफे का लालच देकर अपने जाल में फंसाया।
कैसे फंसे जाल में?
15 जून को संदीप कुमार के व्हाट्सएप नंबर पर एक लिंक भेजा गया और उन्हें “वेल्थ सीक्रेट एक्सचेंज ग्रुप” में शामिल होने के लिए कहा गया। लिंक पर क्लिक करने पर उन्होंने ग्रुप ज्वाइन कर लिया।
ग्रुप एडमिन मुकेश कुमार शर्मा खुद को शेयर मार्केट का जानकार बताकर निवेशकों को टिप्स देने लगा। ग्रुप में कुल 173 सदस्य जुड़े थे।
एप के जरिए निवेश
25 जुलाई को एडमिन ने ग्रुप में एक एप का लिंक साझा किया। संदीप कुमार ने लिंक पर क्लिक कर अपने आधार कार्ड नंबर से रजिस्ट्रेशन कर लिया।
इसके बाद उन्हें एक और व्हाट्सएप ग्रुप “डिसीप्लेन टीम” में जोड़ दिया गया, जिसमें सात लोग जुड़े थे। यहीं से उन्हें IPO और शेयर में निवेश के लिए प्रेरित किया गया।
7.39 करोड़ का निवेश
22 जुलाई से 20 अगस्त के बीच, संदीप कुमार ने अलग-अलग 15 बैंक खातों में कुल 7.39 करोड़ रुपये जमा कर दिए। एप पर उन्हें दिखाया गया कि उनका मुनाफा बढ़कर करीब 100 करोड़ रुपये हो चुका है।
टैक्स के नाम पर ठगी
21 अगस्त को जब उन्होंने एप पर से 5 करोड़ रुपये निकालने की रिक्वेस्ट डाली, तो उन्हें अगले दिन संदेश मिला कि रकम रिलीज करने के लिए उन्हें 3 करोड़ रुपये टैक्स भरना होगा।
जब उन्होंने कहा कि टैक्स काटकर ही बाकी रकम लौटा दी जाए, तो ठगों ने उन्हें बताया कि चूंकि यह एक इंटरनेशनल ब्रोकर फर्म है, इसलिए टैक्स अलग से भरना अनिवार्य है। तभी संदीप कुमार को एहसास हुआ कि वह ठगी के शिकार हो गए हैं।
पुलिस की कार्रवाई
22 अगस्त को उन्होंने तत्काल साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, देहरादून ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि खाते और मोबाइल नंबर ट्रेस कर अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।