देहरादून, 29 अगस्त
उत्तराखंड में बीते 24 घंटों में मूसलाधार बारिश ने जमकर तबाही मचाई। राज्यभर में अलग-अलग घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक मासूम बच्चा और एक दंपती भी शामिल हैं। गढ़वाल मंडल में चार और कुमाऊं में तीन लोगों की जान गई है। वहीं, 11 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनके मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
भूस्खलन और नदियों के उफान से बढ़ी मुश्किलें
लगातार हो रही वर्षा के कारण कई इलाकों में भूस्खलन हुआ है। कई घरों और सड़कों पर भारी मलबा आ गया। इससे कई लोगों को अपने घरों से भागकर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। सड़कों पर आवागमन रुक जाने से राहत एवं बचाव दलों को प्रभावित इलाकों तक पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पर्वतीय इलाकों में आपदा का कहर
गढ़वाल और कुमाऊं के ज्यादातर इलाकों में अतिवृष्टि से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। कई जगहों पर बादल फटने जैसी परिस्थितियां भी देखने को मिलीं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले चार दिन तक भारी बारिश का अनुमान जताते हुए चेतावनी जारी की है। शुक्रवार सुबह से ही देहरादून, उत्तरकाशी और बागेश्वर समेत कई इलाकों में जोरदार बारिश जारी है।
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देहरादून, उत्तरकाशी और बागेश्वर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा और गर्जन-चमक के साथ बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट है।
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टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और पौड़ी में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
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अन्य जिलों में भी गर्जन के साथ तेज वर्षा और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है।
प्रशासन सतर्क, लोगों से सावधानी बरतने की अपील
भारी बारिश के चलते पहाड़ से मैदान तक प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक घर से बाहर न निकलें और नदियों-नालों के किनारे जाने से बचें। राहत दलों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है, वहीं लापता लोगों की तलाश भी तेज कर दी गई है।