देहरादून, 29 अगस्त
शहर में मनमानी कर रहे विक्रम चालकों पर अब लगाम कसने जा रही है। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने स्पष्ट कर दिया है कि अब सभी विक्रम सिक्स प्लस वन (यानी छह यात्री + एक चालक) श्रेणी में ही चलेंगे। चालकों को 10 सितंबर तक आगे की सवारी सीट हटानी होगी, अन्यथा उनके वाहनों की फिटनेस और टैक्स संबंधी कामकाज रोक दिए जाएंगे।
आदेश का मुख्य प्रावधान
आरटीए सचिव व आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक—
- आगे की सीट केवल चालक के लिए रहेगी।
- चालक के बगल में कोई भी सवारी नहीं बैठ सकेगी।
- चालक का केबिन लोहे या फाइबर की चादर से पूरी तरह बंद करना होगा।
- नियम तोड़ने पर विक्रम चालक पर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
वर्तमान में हो रही थी मनमानी
शहर में 784 विक्रम पंजीकृत हैं। इनमें से अधिकतर चालक पीछे की दोनों सीटों पर आठ यात्रियों और आगे चालक के बगल में दो यात्रियों को बैठाकर ओवरलोडिंग कर रहे थे। इससे जहां यात्रियों की सुरक्षा खतरे में थी, वहीं यातायात व्यवस्था भी बिगड़ रही थी।
हाईकोर्ट का आदेश
नैनीताल हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सभी विक्रम केवल सिक्स प्लस वन श्रेणी में ही माने जाएंगे। यदि कोई विक्रम चालक आगे सीट पर सवारी बैठाते पकड़ा गया, तो फिटनेस प्रमाण पत्र और टैक्स से जुड़े सभी कार्य रोके जाएंगे। इसके अलावा परमिट की शर्तों का उल्लंघन मानकर अलग से कार्रवाई भी होगी।
2019 में भी हटाई गई थी आगे की सीट
यह पहला मौका नहीं है जब विक्रम चालकों के खिलाफ ऐसा कदम उठाया गया हो। वर्ष 2019 में तत्कालीन आरटीओ सुधांशु गर्ग ने भी विक्रमों से आगे की सीट निकलवाकर लोहे की रॉड से केबिन बंद करा दिया था। लेकिन कुछ समय बाद चालकों ने रॉड निकालकर फिर से आगे सवारियां बैठानी शुरू कर दी।
वर्ष 2021 में परिवहन मुख्यालय ने विक्रमों को सेवन प्लस वन श्रेणी में मानने का आदेश जारी किया था, लेकिन यह आदेश बाद में हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। इसके बाद अब सभी विक्रमों को अनिवार्य रूप से सिक्स प्लस वन श्रेणी में ही मान्यता दी गई है।
सख्ती से लागू होंगे नियम
आरटीओ प्रशासन ने साफ किया है कि इस बार आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। 10 सितंबर तक आगे की सीट न हटाने वाले विक्रम सड़क पर नहीं उतर सकेंगे। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ परमिट रद्द करने तक की कार्रवाई हो सकती है।