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उत्तराखंड की जेलों में मोबाइल पर प्रतिबंध: कुख्यात बदमाशों की रंगदारी व फिरौती की घटनाओं के बाद प्रशासन सख्त

देहरादून, 30 अगस्त 2025

 उत्तराखंड की जेलों में कुख्यात अपराधियों द्वारा जेल के अंदर से रंगदारी और फिरौती की घटनाओं को अंजाम देने की लगातार बढ़ती घटनाओं के बाद, प्रदेश सरकार ने एक कड़ा कदम उठाया है। राज्य के जेलों में जेलकर्मियों द्वारा मोबाइल फोन लाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय जेलकर्मियों की मिलीभगत और मोबाइल के जरिए अपराधियों द्वारा आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिए जाने की घटनाओं के बाद लिया गया है।


कुख्यात अपराधियों का मोबाइल के जरिए रंगदारी नेटवर्क

अपर पुलिस महानिदेशक (जेल) अभिनव कुमार ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए बताया कि जेलकर्मियों के मोबाइल फोन लाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने बताया कि पहले भी कई बार जेलों से मोबाइल बरामद किए गए हैं, और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जैमर भी लगाए गए थे, लेकिन वे प्रभावी नहीं हो पाए हैं। हाल ही में जांच एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर यह निर्णय लिया गया।


जेलों में मोबाइल फोन की बरामदगी की घटनाएं

इससे पहले, मई 2021 में एसटीएफ ने अल्मोड़ा जेल में सर्च ऑपरेशन चलाया था, जिसमें तीन मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड और 1.29 लाख रुपये का कैश बरामद किया गया था। एसटीएफ को यह जानकारी मिली थी कि कुख्यात बदमाश कलीम अहमद, जो तब अल्मोड़ा जेल में बंद था, जेल से अपने गैंग के अपराधी कृत्यों को चला रहा था। इस घटना के बाद जेल अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की गई थी, लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाओं का सिलसिला जारी रहा।


जांच एजेंसियों के इनपुट और कार्रवाई

नवंबर 2021 में भी एसटीएफ ने नरेंद्र वाल्मीकि के तीन शूटरों को गिरफ्तार किया था, जिन पर आरोप था कि उन्होंने रुड़की में दो व्यक्तियों की हत्या करने की साजिश रची थी। जांच एजेंसियों ने लगातार जेल प्रशासन को सूचना दी थी कि जेलकर्मियों की मिलीभगत से अपराधी जेल के अंदर बैठकर आपराधिक गतिविधियां चला रहे हैं। बुधवार रात को भी एसटीएफ ने सितारगंज जेल से कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि के तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया था, जो उसकी शह पर जमीनों पर कब्जा कर रहे थे।


जेलों में जैमर की असफलता और बढ़ी सुरक्षा चिंता

जेलों में मोबाइल के इस्तेमाल को रोकने के लिए जेलों में जैमर लगाए जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब तक अधिकांश जेलों में जैमर लगाए नहीं जा सके हैं। जो जैमर लगे भी हैं, वे पुराने और अप्रभावी हैं, जिससे मोबाइल के इस्तेमाल पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। इसके अलावा जेलों में कैदियों की संख्या इतनी अधिक है कि हर कैदी की व्यक्तिगत चेकिंग करना भी जेलकर्मियों के लिए मुश्किल हो जाता है।


प्रवीण वाल्मीकि को अल्मोड़ा जेल शिफ्ट किया गया

जेल प्रशासन ने प्रवीण वाल्मीकि को उसकी संदिग्ध गतिविधियों के बाद अल्मोड़ा जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, रुड़की से गिरफ्तार किए गए प्रवीण वाल्मीकि के गुर्गों के फोन कॉल्स की जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि वह किससे संपर्क कर रहे थे और उनकी गतिविधियाँ किस हद तक फैली हुई थीं।


कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

एडीजी (जेल) अभिनव कुमार ने कहा कि जेलों में मोबाइल के इस्तेमाल को पूरी तरह से रोकने के लिए जेलकर्मियों को ड्यूटी के दौरान मोबाइल न लाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने इस कदम को जेलों में पूरी तरह से मोबाइल पर रोक लगाने की दिशा में अहम कदम बताया और चेतावनी दी कि भविष्य में अगर कोई भी जेलकर्मी नियमों का उल्लंघन करेगा, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


निष्कर्ष: उत्तराखंड की जेलों में मोबाइल फोन पर रोक लगाने का यह कदम राज्य की जेलों में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जांच एजेंसियों की रिपोर्ट और लगातार बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए प्रशासन इस निर्णय पर पूरी तरह से अमल कर रहा है।

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