दिन में सुरक्षित, रात में असुरक्षा हावी; सार्वजनिक परिवहन में सबसे ज्यादा उत्पीड़न
देहरादून, 31 अगस्त 2025
राजधानी देहरादून महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देश के असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल हो गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) द्वारा जारी नेशनल एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेक्स (NARI) 2025 में देहरादून को 31 शहरों में से उन शहरों में गिना गया है जहां महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। रिपोर्ट के अनुसार देहरादून का स्कोर 60.6% रहा, जबकि राष्ट्रीय औसत 64.6% है।
शिमला सुरक्षित, देहरादून पिछड़ा
इस रिपोर्ट में देहरादून का नाम रायपुर, चेन्नई और शिलांग जैसे शहरों के साथ आया है। वहीं हिमालयी शहर शिमला ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए देशभर में 11वां स्थान हासिल किया।
सबसे सुरक्षित शहर के रूप में कोहिमा (नागालैंड) उभरा, जिसका स्कोर 82.9% दर्ज हुआ।
दिन और रात की सुरक्षा की अलग तस्वीर
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दिन के समय देहरादून में 70% महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं।
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रात में यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 44% रह जाता है।
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करीब 14% महिलाओं ने रात में खुद को असुरक्षित बताया, जबकि 33% ने तटस्थ राय दी।
कुल मिलाकर केवल 50% महिलाएं ही शहर को सुरक्षित मानती हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 60% है।
ढांचागत सुविधाएं और पुलिस पर भरोसा
रिपोर्ट में सामने आया कि शहर की महिला-हितैषी ढांचागत सुविधाओं को केवल 24% महिलाओं ने सुरक्षित माना।
हालांकि पुलिस पर भरोसा थोड़ा बेहतर रहा— 59% महिलाओं ने पुलिस को भरोसेमंद माना।
उत्पीड़न के मामले— सार्वजनिक परिवहन सबसे आगे
सर्वेक्षण में महिलाओं ने सबसे ज्यादा मौखिक उत्पीड़न का सामना करने की बात कही, इसके बाद शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की घटनाएं सामने आईं।
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50% महिलाओं ने सार्वजनिक परिवहन में उत्पीड़न झेलने की बात कही।
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19% महिलाओं को अपने मोहल्लों में और
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13% महिलाओं को कार्यस्थल पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
चौंकाने वाली बात यह रही कि 40% महिलाएं उत्पीड़न झेलने के बावजूद चुप रहीं, सिर्फ 26% ने शिकायत दर्ज कराई और 19% ने दूसरों से मदद मांगी।
असुरक्षा की वजहें
महिलाओं ने असुरक्षा महसूस करने के पीछे कई कारण गिनाए:
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26% महिलाओं ने कहा— शहर का सामाजिक व्यवहार जिम्मेदार है।
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18% ने अपराध दर को कारण बताया।
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11% ने सुनसान जगहों को वजह माना।
वहीं सुरक्षा का अहसास कराने में:
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54% महिलाओं ने स्थानीय समुदाय पर भरोसा जताया।
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33% ने पुलिस गश्त को अहम बताया।
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18% ने कम अपराध दर को सुरक्षा का कारण माना।
महिलाएं क्या चाहती हैं?
महिलाओं ने सुरक्षा सुधार के लिए सुझाव दिए:
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45% ने कहा— पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई जाए।
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39% ने बेहतर सड़क लाइट और सीसीटीवी की मांग की।
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21% ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता बताई।
पुलिस का जवाब
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुलिस लगातार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठा रही है।
उन्होंने बताया कि:
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व्यस्त बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर महिला पुलिसकर्मियों के साथ चेकपोस्ट बनाए गए हैं।
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महिला गश्ती दल तैनात किए गए हैं।
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बाहरी लोगों का सत्यापन अभियान चल रहा है।
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महिलाओं की शिकायत पर तुरंत और प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।