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उत्तराखंड: केदारनाथ व हेमकुंड साहिब रोपवे निर्माण को मिली हरी झंडी, एनएचएलएमएल और पर्यटन विभाग के बीच एमओयू साइन

देहरादून, 3 सितंबर 2025 (बुधवार)

 उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए बड़ी राहत देने वाली परियोजना जल्द शुरू होने जा रही है। सचिवालय में मंगलवार को पर्वतमाला परियोजना के तहत केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे निर्माण के लिए नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) और पर्यटन विभाग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।


मुख्यमंत्री धामी बोले – पर्यटन और आर्थिकी को मिलेगी नई ऊंचाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रोपवे कनेक्टिविटी उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को भी नई पहचान दिलाएगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे का निर्माण कार्य शुरू होगा।


एमओयू में हिस्सेदारी और राजस्व का प्रावधान

समझौते के अनुसार, रोपवे निर्माण में NHLML की 51 प्रतिशत और राज्य सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। वहीं, राजस्व साझेदारी में 90 प्रतिशत राशि पर्यटन, परिवहन और गतिशीलता के क्षेत्र में खर्च की जाएगी।


6800 करोड़ की लागत से दो रोपवे बनेंगे

पर्वतमाला परियोजना के तहत

  • सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच लगभग 4100 करोड़ की लागत से 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनेगा।

  • गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब के बीच लगभग 2700 करोड़ की लागत से 12.4 किलोमीटर लंबा रोपवे तैयार होगा।

दोनों रोपवे तीर्थयात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेंगे।


केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता – कनेक्टिविटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगी। साथ ही उन्होंने चारधाम ऑलवेदर रोड, दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड और सीमांत क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी के विस्तार का भी उल्लेख किया।


केंद्रीय मंत्री और पर्यटन मंत्री के बयान

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। रोपवे बनने के बाद श्रद्धालुओं को केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के दर्शन करने में काफी आसानी होगी।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह समझौता पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।


 उत्तराखंड सरकार का दावा है कि यह रोपवे परियोजना तीर्थयात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ राज्य के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

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