देहरादून, 10 सितंबर 2025
पड़ोसी मुल्क नेपाल में भड़की हिंसा का असर उत्तराखंड में भी दिखने लगा है। खासकर देहरादून के वे परिवार बेहद चिंतित हैं जिनके रिश्तेदार नेपाल में रहते हैं। कई लोग अपने प्रियजनों से बीते तीन दिन से संपर्क नहीं कर पाए हैं।
पुलिस ने नेपाल सीमा पर बढ़ाई सुरक्षा
नेपाल में जारी उग्र आंदोलन को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है। खासतौर पर नेपाल सीमा से सटे पिथौरागढ़, ऊधमसिंहनगर और चंपावत जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। सीमावर्ती इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय इन जिलों से हर पल का अपडेट ले रहा है।
दूनवासियों की चिंता, रिश्तेदारों से नहीं हो पा रहा संपर्क
नेपाल से जुड़े पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों के चलते दूनवासी हालात को लेकर बेहद चिंतित हैं।
गढ़ी कैंट निवासी माया पंवार ने बताया कि उनका भाई नेपाल की राजधानी काठमांडू में रहता है। आंदोलन शुरू होने के बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। केवल मौसी से हुई बातचीत में यह जानकारी मिली कि हालात इतने खराब हैं कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे।
वहीं, रायपुर निवासी नील कमल चंद ने कहा कि उनका भतीजा भी काठमांडू में रहता है। बीते तीन दिन से वे लगातार संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। एक रिश्तेदार ने उन्हें बताया कि नेपाल के गुस्साए युवाओं ने कई इलाकों को आग के हवाले कर दिया है।
मैत्री बस सेवा चार दिन से बंद
नेपाल हिंसा का असर भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा पर भी पड़ा है। बस सेवा के संचालक, दून निवासी टेकू मगर ने बताया कि चार दिन पहले देहरादून से नेपाल के लिए रवाना हुईं उनकी तीन बसें अभी तक वापस नहीं लौटी हैं। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा चिंता का विषय बनी हुई है।
मगर ने कहा कि वे लगातार नेपाल के बस संचालकों और परिचितों से संपर्क में हैं। प्राथमिकता यही है कि यात्रियों को सुरक्षित भारत वापस लाया जाए।
नेपाल में भड़की आग, संसद भवन तक जला
नेपाल में आंदोलन इतना उग्र हो चुका है कि राजधानी काठमांडू भी प्रभावित हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सरकारी दफ्तरों, मंत्रियों के आवास और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
वरिष्ठ पत्रकार रितेश त्रिपाठी ने बताया कि नेपाल की राजधानी में अब राजधानी जैसी कोई व्यवस्था नहीं बची है। देश पूरी तरह से ठप हो गया है और लोग घरों में कैद होकर हालात सुधरने का इंतजार कर रहे हैं।