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Dehradun: निवेश घोटाले का नया मामला, वाराणसी के पीड़ितों ने कंपनी कार्यालय के बाहर किया हंगामा

देहरादून, 12 सितंबर 2025

उत्तराखंड में एक और बड़ा निवेश घोटाला सामने आया है। लोनी अरबन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटी (LUCC) घोटाले की तरह ही एक कंपनी ने करोड़ों रुपये निवेश के नाम पर ठग लिए। वाराणसी और उत्तराखंड में काम कर रही इस कंपनी ने अचानक अपनी शाखाएं बंद कर दीं। अब पीड़ित अपने पैसों की वापसी के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।


वाराणसी के पीड़ित पहुंचे देहरादून

गुरुवार को वाराणसी से आए विष्णु पांडे, अमित यादव, अशोक कुमार मौर्य, राजीव प्रजापति, संजय कुमार, रिंकू और सुजीत कुमार ने देहरादून के पटेलनगर स्थित कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद सभी पीड़ितों ने पटेलनगर कोतवाली में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।


निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी

पीड़ितों का आरोप है कि कंपनी ने वर्ष 2022-23 से निवेश योजनाओं के नाम पर रकम जमा कराना शुरू किया। पहले एजेंट बनाए गए और मासिक तथा एकमुश्त निवेश योजनाओं के जरिए लोगों से बड़ी रकम ली गई। शुरुआती दिनों में कंपनी ने रिटर्न दिया, लेकिन पिछले एक साल से भुगतान पूरी तरह बंद कर दिया गया।


1.35 करोड़ रुपये फंसे, रिटर्न बंद

पीड़ितों के अनुसार, उनकी टीम के करीब 30 लोगों ने मिलकर 1.35 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। लेकिन अब कंपनी रिटर्न नहीं दे रही। वाराणसी स्थित हेड ऑफिस कई महीने पहले ही बंद हो गया। जब वे दून के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे तो वहां कंपनी के संचालक तो नहीं मिले, लेकिन सुरक्षा कर्मी मौजूद थे।


संचालक विदेश में होने का दावा

पीड़ितों का कहना है कि सुरक्षा कर्मियों के जरिए जब कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया गया तो संचालकों ने खुद को विदेश में होने की बात कही। इस पर आक्रोशित निवेशकों ने कार्यालय के बाहर हंगामा किया और अपनी रकम लौटाने की मांग की।


पुलिस ने शुरू की जांच

सूचना पर पटेलनगर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ितों व स्थानीय कार्यालय में मौजूद लोगों को थाने ले जाया गया।
प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पीड़ितों से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं और कंपनी की उत्तराखंड में गतिविधियों की जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही कार्यालय में मौजूद सुरक्षा कर्मियों से भी पूछताछ हो रही है।


बड़ा घोटाला बनने की आशंका

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कंपनी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों में बड़े पैमाने पर निवेशकों से रकम ली है। माना जा रहा है कि यह घोटाला करोड़ों रुपये का हो सकता है। फिलहाल पुलिस पीड़ितों के बयानों और दस्तावेजों के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है।

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