देहरादून, 18 सितंबर 2025
दून घाटी में आई आपदा का खौफनाक मंजर और गहराता जा रहा है। बुधवार को राहत एवं बचाव कार्य तेज हुआ तो छह और शव मिले। इनमें चार शव देहरादून से और दो शव सहारनपुर के मिर्जापुर यमुना नदी से बरामद हुए। इस तरह मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 23 तक पहुंच गया है। वहीं, अब भी 17 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी
प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें राहत व बचाव कार्य में लगी हुई हैं। सहस्रधारा के मजाड़ा गांव में मलबे में दबे शवों की तलाश डॉग स्क्वॉड की मदद से की जा रही है। यहां अब भी तीन से चार लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार, अब तक 168 लोगों को खतरनाक क्षेत्रों से रेस्क्यू कर सुरक्षित होटलों में शिफ्ट किया गया है। प्रशासन ने पांच होटलों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अधिग्रहीत कर भोजन और ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की है।
सीएम धामी ने ली समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राहत व बचाव कार्य में कोई लापरवाही न हो।
उन्होंने कहा, “लापता लोगों की तलाश पूरी गंभीरता से की जाए और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता मिले।” मुख्यमंत्री ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से रेस्क्यू गतिविधियों पर नज़र रखी।
सड़कों और पुलों को गहरे जख्म
आपदा ने देहरादून जिले के बुनियादी ढांचे को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।
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8 पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
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42.62 करोड़ रुपये का नुकसान सड़कों को हुआ है।
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राष्ट्रीय राजमार्ग 72 में नंदा की चौकी के पास का पुल बुरी तरह टूट गया है।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता राजेश कुमार शर्मा के मुताबिक, पुल को दुरुस्त करने में कम से कम छह महीने लगेंगे। तब तक 50–60 मीटर ऊपर वैकल्पिक मार्ग बनाया जाएगा।
पेयजल आपूर्ति बहाल करने की कवायद
आपदा से राजधानी के लगभग 2.35 लाख लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। सचिव पेयजल शैलेश बगौली ने प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर निर्देश दिए कि 19 सितंबर तक सभी क्षेत्रों में आपूर्ति बहाल कर दी जाए।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, 18 सितंबर तक करीब 1.35 लाख लोगों तक पानी पहुंचा दिया जाएगा, जबकि शेष एक लाख लोगों तक 19 सितंबर की सुबह तक जलापूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001804100 और 1916 जारी किए गए हैं।
मसूरी-देहरादून मार्ग आंशिक रूप से खुला
सोमवार रात से बंद मसूरी-देहरादून मार्ग बुधवार देर रात छोटे वाहनों के लिए खोला गया। शिव मंदिर के पास बैली ब्रिज बनाकर आवाजाही शुरू कराई गई है। हालांकि रास्ते में जगह-जगह सड़क टूटी है और कई हिस्सों में पेड़ व मलबा जमा है।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
प्रशासन ने आपदा प्रभावित मजाडा, कार्लीगाड और सेरा गांव से लोगों को निकालकर सुरक्षित होटलों में शिफ्ट किया है।
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कार्लीगाड से 60 लोग हिमालयन व्यू होटल भेजे गए।
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सेरा गांव से 32 लोग ईरा रिजॉर्ट में ठहराए गए।
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कुल्हान से 76 लोग हिल व्यू होटल में शिफ्ट किए गए।
इन स्थानों पर भोजन, साफ-सफाई और सुरक्षा के इंतजाम प्रशासन द्वारा किए गए हैं।
निष्कर्ष
देहरादून की यह आपदा केवल जनहानि तक सीमित नहीं है, बल्कि सड़कों, पुलों, पेयजल आपूर्ति और आजीविका तक को गहरे जख्म दे गई है। सरकार और प्रशासन राहत व बचाव कार्यों में जुटे हैं, लेकिन बुनियादी ढांचे की मरम्मत और प्रभावित परिवारों की जिंदगी सामान्य बनाने में लंबा समय लगना तय है।