Nainital, September 19, 2025
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एलटी (LT) शिक्षकों और प्रवक्ताओं की वरिष्ठता आधारित पदोन्नति सूची तैयार कर 22 सितंबर तक याचिकाकर्ताओं को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। यह फैसला उन शिक्षकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो लंबे समय से प्रमोशन की मांग कर रहे थे।
वर्षों से लंबित है शिक्षकों की पदोन्नति
प्रदेश के हजारों एलटी शिक्षक और प्रवक्ता साल 2012 से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लगातार हो रही देरी के कारण न केवल उनकी वरिष्ठता प्रभावित हो रही है, बल्कि स्थानांतरण और प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी अटकी पड़ी हैं। कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए, उन्हें पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ तो मिला, लेकिन पदोन्नति का हक उन्हें अब तक नहीं मिल पाया।
हाईकोर्ट में सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सरकार की लापरवाही से वर्षों से उनका भविष्य अधर में है। अदालत ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वरिष्ठता सूची के आधार पर प्रमोशन लिस्ट बनाई जाए और 22 सितंबर तक शिक्षकों को उपलब्ध कराई जाए।
आंदोलन और सरकार की मजबूरी
हाल ही में शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी। करीब 5000 शिक्षक सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की तैयारी में थे। इससे स्कूल बंद होने की नौबत आ गई और छात्रों की पढ़ाई पर संकट मंडराने लगा। आंदोलन की आहट को देखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट से शीघ्र सुनवाई की मांग की।
शिक्षक क्यों नाराज हैं?
शिक्षकों का कहना है कि प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती बंद की जाए और इस पद को केवल पदोन्नति के आधार पर भरा जाए। वे वर्षों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें प्रमोशन का हक नहीं दे रही है। वहीं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए भुवन चन्द्र कांडपाल केस के आदेश का हवाला देते हुए प्रमोशन लागू करने की मांग की है।
निष्कर्ष
हाईकोर्ट का यह आदेश न केवल हजारों शिक्षकों के लिए उम्मीद की किरण है, बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए भी राहत है। यदि सरकार कोर्ट के निर्देशों का पालन करती है तो लंबे समय से अटके पदोन्नति मामले का समाधान होगा। अब 22 सितंबर तक देखना होगा कि राज्य सरकार शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी कर पाती है या नहीं।