दिनांक: 25 सितंबर 2025
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
गैरसैंण सत्र में पारित विधेयकों को राजभवन की स्वीकृति मिली
उत्तराखंड राज्य के गैरसैंण विधानसभा सत्र में पारित चार महत्वपूर्ण विधेयकों को अब राजभवन ने अपनी मंजूरी दे दी है। इनमें मुख्य रूप से अनुपूरक विनियोग विधेयक, लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक, श्री केदारनाथ और श्री बदरीनाथ संशोधन विधेयक तथा साक्षी संरक्षण निरसन विधेयक शामिल हैं। इन विधेयकों के अनुमोदन से राज्य की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
5315.39 करोड़ के अनुपूरक बजट को मिली स्वीकृति
गैरसैंण सत्र के दौरान पारित 5315.39 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को भी अब राजभवन ने अपनी स्वीकृति दे दी है। इस बजट का उद्देश्य राज्य के विकास कार्यों और आवश्यक सेवाओं के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराना है। यह कदम राज्य के वित्तीय प्रबंधन में मजबूती लाने के साथ-साथ योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद करेगा।
लोकतंत्र सेनानियों को मिलेगी पेंशन, सरकार का ऐतिहासिक फैसला
संबंधित विधेयक के पारित होने के बाद, उत्तराखंड में लोकतंत्र सेनानियों को मान्यता और सम्मान देने का कदम उठाया गया है। इस विधेयक के तहत, स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सेनानियों और उनके जीवनसाथियों को पेंशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। यह निर्णय 50 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद लिया गया है, जिसे लोकतंत्र सेनानी प्रेम बड़ाकोटी ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए याद किया।
प्रेम बड़ाकोटी ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे संघर्ष को मान्यता मिली है। सरकार का यह ऐतिहासिक निर्णय हमारे इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम के सम्मान में महत्वपूर्ण है।”
आगे की दिशा में प्रभाव और निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार के इन कदमों से न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि समाज में भी लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान और पहचान बढ़ेगी। इससे युवाओं में स्वतंत्रता संग्राम के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
राज्य के विकास और समाजिक समरसता के लिहाज से यह कदम अतिआवश्यक और प्रशंसनीय हैं।
यह निर्णय स्पष्ट करता है कि सरकार अपने इतिहास, परंपरा और समाज के प्रति प्रतिबद्ध है। इन विधेयकों का लागू होना राज्य की राजनीति और सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।