BREAKING

Dussehra 2025: बारिश के बीच धूमधाम से मना दशहरा, सीएम धामी ने किया रावण दहन, कहा – अहंकार का अंत तय है

देहरादून, 2 अक्टूबर 2025

 देवभूमि उत्तराखंड में विजयदशमी का पर्व पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में इस बार मौसम ने थोड़ी बाधा डाली। जैसे ही रावण दहन की तैयारी हो रही थी, आसमान से बारिश की फुहारें गिरने लगीं। हालांकि, हल्की बारिश के थमते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी परेड मैदान पहुंचे और परंपरा के अनुसार रावण दहन संपन्न कराया।


परेड ग्राउंड में विशाल आयोजन

देहरादून के परेड मैदान में दशहरा महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। इस दौरान पहले लंका दहन किया गया और उसके बाद 121 फीट ऊंचे रावण के पुतले को अग्निबाण से प्रज्वलित किया गया। हजारों की भीड़ ने जय श्रीराम के नारों के बीच रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को धू-धू कर जलते देखा।


बारिश बनी रोड़ा, फिर भी उमड़ा उत्साह

हरिद्वार और देहरादून में रावण दहन से पहले बारिश शुरू हो गई थी। कई जगहों पर लोगों को छतरियों और पॉलिथीन का सहारा लेना पड़ा। लेकिन हल्की बारिश थमते ही परेड मैदान में रौनक लौट आई और लोगों ने पूरे जोश के साथ त्योहार का आनंद लिया।


मुख्यमंत्री धामी ने दिया संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में कहा –
“आज विजयदशमी पर ऐसा प्रतीत होता है मानो भगवान इंद्र स्वयं हमारे बीच आए हों। यह पर्व हमें सिखाता है कि अन्याय, अधर्म और अहंकार चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसका अंत निश्चित है।”

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन अनुकरणीय है, जिन्होंने कठिनाइयों के बावजूद धर्म, सत्य और मर्यादा का पालन किया। सीएम ने लोगों से आह्वान किया कि दशहरे पर केवल पुतला दहन ही न करें, बल्कि अपने भीतर के अहंकार, क्रोध और नकारात्मकता का भी दहन करें।

 


धार्मिक और सांस्कृतिक संदेश

मुख्यमंत्री ने दशहरे को भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह त्योहार हमें धर्म, सत्य और मानवता की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहा – “रावण के पास सोने की लंका और अपार शक्ति थी, लेकिन उसके अहंकार ने ही उसका अंत किया। अहंकार की ज्वाला हमेशा उसी को जलाती है, जिसके भीतर अहंकार होता है।”


प्रदेशभर में मनाया गया विजयदशमी पर्व

देहरादून के अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, अल्मोड़ा, नैनीताल, पौड़ी और अन्य जिलों में भी दशहरा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हर जगह रामलीला मंचन के बाद रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया गया।


निष्कर्ष

उत्तराखंड में विजयदशमी का पर्व इस वर्ष बारिश के बीच भी पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। परेड ग्राउंड में 121 फीट ऊंचे रावण का दहन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं रहा, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा बना। मुख्यमंत्री के संदेश ने इस बात पर जोर दिया कि अहंकार और अन्याय की हार तय है और हमें अपने जीवन से हर तरह की बुराई को खत्म कर सत्य, धर्म और मानवता की राह पर चलना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *